राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने 73वें गणतंत्र दिवस 2022 की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित किया। राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में रामनाथ कोविंद ने देशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई दी।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा, गणतंत्र दिवस उन महान नायकों को याद करने का भी अवसर है, जिन्होंने स्वराज के सपने को साकार करने के लिए अतुलनीय साहस दिखाया और देशवासियों में इसके लिए लड़ने का उत्साह जगाया। उन्होंने कहा कि अधिकार और कर्तव्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘दो दिन पहले, 23 जनवरी को, हम सभी देशवासियों ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उनकी 125वीं जयंती पर याद किया है। जिन्होंने ‘जय-हिंद’ का उद्घोष किया था।
स्वतंत्रता की उनकी खोज और भारत को गौरवान्वित करने की उनकी महत्वाकांक्षा हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। हम बेहद भाग्यशाली हैं कि हमारे संविधान को बनाने वाली विधानसभा में उस युग की सर्वश्रेष्ठ हस्तियों का प्रतिनिधित्व मिला।
कोरोना से लड़ना है चुनौती
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए कहा, कोरोना में अनगिनत परिवार भयानक आपदा के दौर से गुजरे हैं. हमारे पास हमारे सामूहिक दर्द को व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं।
लेकिन राहत की बात ये है कि अब तक कई लोगों की जान बचाई जा चुकी है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी का प्रभाव अभी भी व्यापक है, इसलिए हमें सतर्क रहना चाहिए और अपने बचाव में कोई ढिलाई नहीं देनी चाहिए। हमने अब तक जो सावधानियां बरती हैं, उन्हें जारी रखना होगा।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देशवासियों से कोरोना नियमों का पालन करने की अपील करते हुए कहा कि आज यह राष्ट्र धर्म बन गया है और हमें इसका पालन तब तक करना है जब तक कोरोना का संकट खत्म नहीं हो जाता।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद किया
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि वर्ष 1930 में महात्मा गांधी ने देशवासियों को ‘पूर्ण स्वराज दिवस’ मनाने का तरीका समझाया था। गांधी जी की यथासंभव रचनात्मक कार्य करने की यह शिक्षा हमेशा प्रासंगिक रहेगी।
महात्मा गांधी चाहते थे कि हम अपने भीतर देखें, आत्मनिरीक्षण करें और बेहतर इंसान बनने की कोशिश करें, और फिर बाहर देखें, लोगों के साथ सहयोग करें और एक बेहतर भारत और एक बेहतर दुनिया के निर्माण में योगदान दें। लाइव टीवी