हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी ने संविधान की मर्यादा का हनन करने वाले एआईएमआईएम के मुखिया आज तक राजनीतिक मर्यादा नहीं सिखा पाए है।
इसकी एक झलक एक जनसभा में देखने को मिली, जब उन्होंने कुत्ते की तुलना महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे से की, अकबरुद्दीन अपने जहरीले बयानों के लिए कुख्यात रहा है।
अकबरुद्दीन ओवैसी ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कुत्तों का काम भौंकना है, शेर का काम शांत रहना है।
राज ठाकरे पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए अकबरुद्दीन ने कहा, ”मैं यहां किसी का जवाब देने या बुरा बोलने नहीं आया हूं, आपको जवाब देने की जरूरत नहीं है और औकात भी नहीं है।”
इस दौरान उन्होंने ‘नारा-ए-तकबीर, अल्लाह-हू-अकबर’ के भड़काऊ नारे लगाए और बैठक में मौजूद लोगों से भी करवाया।
#WATCH | "Let the dogs bark… lions move on by ignoring them…don't fall into their trap… whatever they say, just smile and keep doing your work," said AIMIM leader Akbaruddin Owaisi, in Aurangabad, Maharashtra (12.05) pic.twitter.com/2znmyUuP66
— ANI (@ANI) May 13, 2022
अकबरूद्दीन ने सभा के मंच से कहा, ”मैं युवाओं से कहूंगा कि जो हो रहा है उसे होने दो। जो कुछ भी छोड़ो… मैं कहूंगा कि कुत्ता जो भी भौंकता है, उसे भौंकने दो। जो भी नस्ल… जैसी है… भौंकती है, भौंकने दो। कुत्तों का काम भौंकना है। शेरों का काम है चुप रहना। बस भौंकने दो, बोलने की जरूरत नहीं। समय और स्थिति की तात्कालिकता को समझें। उनके झांसे में न आएं। वे जाल बुन रहे हैं। तुम्हें फंसाना चाहते हैं। तुम फंसना नहीं, चुप रहो…मुस्कुराओ और चले जाओ।”
उन्होंने लोगों से पूछा, “क्या आप डरे हुए हैं… चिंतित हैं…?” इसके बाद भीड़ ने ‘नहीं’ के नारे लगाए। उन्होंने मुसलमानों को भड़काते हुए कहा कि देश में अज़ान, हिजाब और मॉब लिंचिंग को लेकर चर्चा चल रही है।
लेकिन मुसलमानों को इससे डरना नहीं चाहिए। मुसलमानों को इकट्ठा होने की जरूरत है। इसके बाद मंच पर अकबरुद्दीन ने अल्लाह-हू-अकबर का नारा दिया और लोगों से जोर से बोलने को कहा।
आपको बता दें कि अबरूद्दीन ओवैसी अपनी बातों और हरकतों से हिंदुओं को भड़काने के लिए जाने जाते हैं। 12 मई को औरंगाबाद में एक स्कूल के शिलान्यास समारोह में भाग लेने के दौरान, उन्होंने मुगल आक्रमणकारी और हिंदुओं के नरसंहार औरंगजेब के मकबरे का भी दौरा किया और उस पर फूल चढ़ाए।
शिवसेना ने शुक्रवार (13 मई 2022) को खुल्दाबाद में औरंगजेब की समाधि पर फूल चढ़ाने के लिए अकबरुद्दीन ओवैसी की आलोचना की थी और कहा था कि वह इस यात्रा के माध्यम से राज्य का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। 17वीं सदी के मुगल बादशाह के अनुयायियों का भी वही हश्र होगा जो उनके साथ हुआ था।
आपको बता दें कि राज ठाकरे मस्जिदों से लाउडस्पीकर लगाकर अजान देने के खिलाफ हैं। उन्होंने धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकरों को हटाने की मांग की थी और कहा था कि जब तक ये लाउडस्पीकर नहीं हटाए जाते, लाउडस्पीकरों से हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा। राज ठाकरे ने कहा था कि जहां अजान होगी वहां हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा।
अकबरुद्दीन ओवैसी पहले भी भड़काऊ बयान दे चुके हैं
देश में सीएए के प्रदर्शन के दौरान भी अकबरुद्दीन ने भड़काऊ बयान दिया था, जिस पर हंगामा हुआ था. उन्होंने कहा था कि मुसलमानों ने 700 साल तक भारत पर राज किया है।
नागरिकता के लिए इससे बड़ा सबूत और क्या हो सकता है। उन्होंने कहा था, “हमारे पूर्वजों ने इस देश को चारमीनार, मक्का मस्जिद, जामा मस्जिद, कुतुब मीनार दी थी।
लाल किला जिस पर भारत के प्रधानमंत्री झंडा फहराते हैं वह हमारे पूर्वजों ने दिया था। अगर कोई मुसलमानों से कागज मांगता है तो हमारे पुरखों के ये सबूत देखिए।
इससे पहले देश के हिंदुओं को खुलेआम धमकी देते हुए अकबरुद्दीन ने कहा था, ”इस देश में मुसलमान 25 करोड़ हैं और आप लोग (हिंदू) 100 करोड़. बस 15 मिनट के लिए पुलिस हटाओ और देखो, किस में कितनी ताकत है. समझ जाएगा।”