Budget 2021 – वर्ष 2020 में बजट की सिफारिशों पर अमल शुरु ही हुआ था कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण पूरे देश में लॉकडाउन लग गया। देखते ही देखते सभी सेक्टर्स इसकी चपेट में आ गए और देश सहित पूरे विश्व की अर्थव्यवस्थाओं में मंदी का दौर शुरू हो गया जो अब तक खत्म नहीं हो पाया है।
ऐसे में मोदी सरकार का यह बजट देश को कब, कैसे और क्या दिशा देगा, इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। इस बार का बजट भाषण पूरा होने तक सेंसेक्स में 1600 अंक का उछाल आ चुका था। आइए डालते हैं बजट के मुख्य-मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
बजट को बताया “आपदा में अवसर”
बजट पढ़ते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट को “आपदा में अवसर” की तरह बताया। उन्होंने कहा कि हमने बजट में आत्मनिर्भर पैकेज के तहत 27.1 लाख करोड़ रुपए दिए जो कुल जीडीपी का 13 प्रतिशत है। इसके साथ ही उन्होंने मोदी सरकार की अन्य योजनाओं के बारे में बताते हुए अपना बजट प्रस्ताव पढ़ा।
इसी दौरान उन्होंने कहा कि भारत ने वैश्विक संकट के दौर में खुद को मैन्यूफैक्चरिंग हब और दुनिया की फार्मेसी कैपिटल के रूप में उभारा। आज हमारे पास दो वैक्सीन है और 100 से ज्यादा देश इनका लाभ उठा रहे हैं। इसके बाद उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था मंदी की ओर जा रही है। ऐसे में हम इकॉनोमी रिसेट के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।
बजट 6 स्तंभों पर टिका हुआ है
भाषण की शुरुआत करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि 2021-22 का बजट 6 स्तंभों पर टिका है। पहला स्तंभ है स्वास्थ्य और कल्याण, दूसरा – भौतिक और वित्तीय पूंजी और अवसंरचना, तीसरा – अकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, चौथा – मानव पूंजी में नवजीवन का संचार करना, पांचवा – नवाचार और अनुसंधान और विकास, छठा स्तंभ – न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन।
कोविड वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ देने की घोषणा
उन्होंने अपने बजट भाषण की शुरुआत में ही कोविड वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रुपए देने की बात कही। इस बार 2 लाख 32 हजार करोड़ रुपए के हेल्थ बजट की घोषणा करते हुए सीतारमण ने कहा कि आवश्यकता हुई और और भी बजट दिया जाएगा। पिछली बार के बजट (92 हजार करोड रुपए) की तुलना में इस बार 137 फीसदी की बढो़तरी की गई है।
हेल्थ सेंटर्स का बनेगा नेटवर्क
वित्तमंत्री ने बताया कि प्रिवेंटिव, क्यूरेटिव और वेल बीईंग, पीएम आत्मनिर्भर स्वास्थ्य योजनाएं शुरु की जाएंगी। इन पर अगले 6 वर्षों में 61 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
इसके तहत 75 हजार ग्रामीण हेल्थ सेंटर, सभी जिलों में जांच केंद्र और क्रिटिकल केयर हॉस्पीटल, बनाए जाएंगे। इनके अतिरिक्त 602 जिलों में नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल, इंटिग्रेडेट हेल्थ सेंटर्स का नेटवर्क बनाकर हेल्थ सेक्टर को मजबूत बनाया जाएगा।
देश में एयरपोर्ट सहित अन्य स्थानों पर 17 नए पब्लिक हेल्थ यूनिट्स को शुरु किया जाएगा। नेशनल इंस्टीट्यूशन ऑफ वर्ल्ड हेल्थ बनेगा, 9 बॉयो लैब तथा चार नेशनल इंस्टीट्यूशन ऑफ वायरोलॉजी का निर्माण किया जाएगा।
सभी घरों तक स्वच्छ जल पहुंचाने का मिशन
उन्होंने कहा कि सभी शहरी निकायों के लिए जल जीवन मिशन (अर्बन) लॉन्च किया जाएगा। बच्चों के पोषण पर भी ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा शहरी स्वच्छ भारत मिशन 2.0 पर एक लाख 41 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। क्लीन एयर के लिए भी दो हजार करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है।
इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर पर खास ध्यान
देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लिए वित्तमंत्री ने मैन्यूफैक्चरिंग पर फोकस करने की बात कही। इसके लिए 1.5 लाख करोड़ रुपए का ऐलान किया था।
इस बार इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट के लिए भी कई नई योजनाएं बनाई गई हैं। NHAI के टोल रोड़, विभिन्न शहरों में मेट्रो प्रोजेक्ट, एयरपोर्ट आदि बनाने के लिए बजट में बड़ा प्रावधान रखा गया है। इस बार 4.39 लाख करोड़ रुपए कैपिटल एक्सपेंडीचर के लिए निर्धारित किए गए हैं।
रेलवे के लिए रिकॉर्ड 1,10,055 करोड़ तथा सडक़ परिवहन मंत्रालय के लिए 1,18,101 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।
इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट के लिए भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत आठ हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जाएगा। 3500 किलोमीटर सड़क तमिलनाडू में बन रही है। 6500 किलोमीटर हाईवे बंगाल में तथा 1100 किलोमीटर लंबा नेशनल हाईवे केरल में बनाया जाएगा।
नेशनल रेल प्लान 2030 भी बना लिया गया है। मोदी सरकार अब सोन नगर-गोमो सेक्शन पीपीपी मोड पर बनाएगी। वेस्टर्न और ईस्टर्न फ्रेड कॉरिडोर को भी जन 2022 तक बनाने का निर्णय किया गया है।
उज्जवला स्कीम से जोड़े जाएंगे एक करोड़ नए परिवार
उज्जवला स्कीम का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अब तक 8 करोड़ परिवारों को जोड़ा जा चुका है और भविष्य में एक करोड़ परिवार और जोड़े जाएंगे। इसके साथ ही 100 नए शहर सिटी गैस वितरण में जोड़े जाएंगे।
इलेक्ट्रिसिटी इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 3 लाख करोड़ रुपए की घोषणा
इलेक्ट्रिसिटी इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए मोदी सरकार 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक की लागत की स्कीम लॉन्च करेगी। इसके साथ ही हाइड्रोजन प्लांट बनाने का भी ऐलान किया गया है। इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर में PPP मोड में कई नई प्रोजेक्ट्स को स्टार्ट किया जाएगा।
इंश्योरेंस सेक्टर में FDI की लिमिट बढ़ी, LIC का IPO आएगा
इस बार के बजट में सबसे चौंकाने वाली बात इंश्योरेंस सेक्टर पर रही। इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई की लिमिट 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी कर दी गई है परन्तु इसके बोर्ड में मेंबर्स का भारतीय होना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही LIC का भी IPO जारी किया जाएगा।
एग्रीकल्चर सेक्टर और किसानों के लिए कई बड़ी योजनाएं लॉन्च
कृषि बिलों पर सरकार से नाराज चल रहे किसानों को मनाने के लिए भी वित्त मंत्री ने आज कई बड़ी घोषणाएं की। इनमें MSP को लागत से डेढ़ गुणा करने सहित गांवों में वेलनेस सेंटर स्थापित करना और किसानों को दिए जाने वाले लोन की राशि बढा़ने की घोषणा भी शामिल हैं।
कुछ सामानों पर एग्रीकल्चर इन्फ्रा सेस लगाया जाएगा जिसका लाभ किसानों को दिया जाएगा। इसके अलावा ग्रामीणों के लिए शुरु की गई स्वामित्व स्कीम की योजना का उल्लेख करते हुए इसका दायरा अब विस्तृत कर दिया गया है।
श्रमिकों पर भी दिया पूरा ध्यान
असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक पोर्टल बनाने की बात भी वित्तमंत्री ने अपने बजट में कही। इसके तहत श्रमिकों को अधिकाधिक रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा।
प्रवासी मजदूरों को एक देश-एक राशन कार्ड योजना शुरु की गई है। अब प्रवासी मजदूर अपने राशनकार्ड से पूरे देश में कहीं भी किसी भी जगह से राशन ले सकेंगे। एमएसएमई सेक्टर के लिए भी बड़ा ऐलान किया गया है और उसके बजट को बढ़ाया गया है।
महिलाओं पर भी किया फोकस
इस बार के बजट में वित्त मंत्री ने यूं तो महिलाओं के लिए कोई बहुत बड़ी घोषणा नहीं की। परन्तु महिलाओं को सभी शिफ्ट्स में काम करने की अनुमति दी जाने की बात कही गई है। साथ ही कहा गया है कि उन्हें नाइट शिफ्ट के लिए पर्याप्त सुरक्षा भी दी जाएगी।
एजुकेशन सेक्टर में खोले जाएंगे नए स्कूल और यूनिवर्सिटीज
एजुकेशन सेक्टर में भी आमूलचूल परिवर्तन लाने के लिए नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत 100 नए सैनिक स्कूलों के निर्माण की घोषणा हुई है।
लेह में सेंट्रल यूनिवर्सिटी खोली जाएगी। इनके अलावा एकलव्य मॉडल पर आधारित स्कूल खोले जाएंगे। साथ ही हायर एजुकेशन कमीशन बनाने की भी बात कही है।
डिजीटल इंडिया पर फोकर, लेकिन ऑटो, गैजेट में बढ़ सकती है महंगाई
कोरोना काल में डिजीटल टेक्नोलॉजी के योगदान को देखते हुए इस बार के बजट में डिजीटल इंडिया के लिए 3700 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
परन्तु मोबाइल उपकरणों पर कस्टम ड्यूटी 2.5 फीसदी कर दी गई है जिससे इलेक्ट्रॉनिक सामान, मोबाइल और चार्जर महंगे होने की उम्मीद है। ऑटो पार्ट्स पर भी कस्टम ड्यूटी बढा कर 15 फीसदी कर दी गई है।
देश में प्रदूषण रोकने के लिए पुरानी कारों को स्क्रैप किया जाएगा ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर बनाए जाएंगे। निजी गाड़ी वाले अपनी गाड़ी को 20 वर्ष के बाद स्क्रैप करा सकेंगे।
पेंशनर्स को मिला इनकम टैक्स में रिलेक्सेशन
75 साल से अधिक उम्र वाले पेंशनर्स को इनकम टैक्स फाइल करने में छूट दी गई है। इसके साथ ही पेन्शन से होने वाली आय पर इनकम टैक्स भी नहीं देना होगा।
हालांकि मिडिल क्लास को इनकम टैक्स में इस बार किसी तरह की कोई छूट नहीं दी गई है और न ही उन पर कोई नया टैक्स लगाया गया है।