Chanakya Niti: क्रोध हमारी सोचने की शक्ति को नष्ट कर देता है। यह न केवल हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है बल्कि शत्रुओं का कारण भी बनता है।
जब हम क्रोधित होते हैं तो कई ऐसे लोगों से हमारी लड़ाई खत्म हो जाती है, जिसके बाद हमें पछताना पड़ता है। चाणक्य ने अपनी नैतिकता में यह भी बताया है कि हमें किन चार लोगों से कभी भी विवाद नहीं करना चाहिए वरना बाद में हमें नुकसान उठाना पड़ सकता है। आइए जानते हैं कौन हैं वो चार लोग।
रिश्तेदार
जो हमारे अच्छे और बुरे जीवन में हमेशा हमारे साथ रहता है वह अनमोल है। अच्छे-बुरे की समझ तो रिश्तेदार ही बताते हैं।
इस श्लोक के माध्यम से चाणक्य ने बताया है कि यदि अपनों से विवाद होता है तो व्यक्ति को जीवन भर पछताना पड़ सकता है। अगर हमारे शुभचिंतक ही हमसे दूर हो जाएं तो हमें सही रास्ता कौन दिखाएगा।
बेवकूफ व्यक्ति
भैंस के सामने बीन बजाना। इस वाक्य का पालन करें। चाणक्य कहते हैं कि मूर्ख से बहस करना समय की बर्बादी है। क्योंकि मूर्ख व्यक्ति अपनी बात मनवाने के लिए हमेशा अपनी बात रखता है और दूसरों की सुनने से इंकार करता है। ऐसा करने से व्यक्ति की छवि पर भी असर पड़ता है।
Chanakya Niti : अच्छे और बुरे व्यक्ति की पहचान करने के लिए बस इन बातों का रखें ध्यान
दोस्त
हर इंसान की जिंदगी में कोई न कोई ऐसा शख्स जरूर होता है जो हर कदम पर उसके साथ खड़ा होता है। चाणक्य के अनुसार ऐसे में अगर कोई व्यक्ति अपने दोस्त से झगड़ता है तो वह एक भरोसेमंद रिश्ता खो देता है। जिसके लिए उसे हमेशा पछताना पड़ सकता है।
गुरु
एक गुरु है जो हमें अंधकार से प्रकाश की ओर, अज्ञान से ज्ञान की ओर ले जाता है। हमारी आध्यात्मिक प्रगति करने में गुरु ही हमारे सच्चे मार्गदर्शक हैं।
गुरु से विवाद करने का अर्थ है ज्ञान से बेखबर हो जाना होता है, इसीलिये उपरोक्त 4 लोगो से कभी झगडा नही करने कि सलाह आर्य चाणक्य ने दि है।