Chankya Niti : आचार्य चाणक्य न केवल एक महान विद्वान थे बल्कि वे एक अच्छे शिक्षक भी थे। उन्होंने विश्व प्रसिद्ध तक्षशिला विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण की और वहाँ उन्होंने आचार्य के पद पर विद्यार्थियों का मार्गदर्शन भी किया।
वह एक कुशल राजनयिक, रणनीतिकार और अर्थशास्त्री भी थे। आचार्य चाणक्य ने अपने जीवन में विषम परिस्थितियों का सामना किया था लेकिन कभी हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य को प्राप्त किया।
यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन में आचार्य चाणक्य के शब्दों का पालन करता है, तो वह जीवन में कभी गलती नहीं करेगा और एक सफल स्थिति तक पहुंच सकता है।
चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य ने उल्लेख किया है कि कैसे लोगों को एक साथ नहीं रखना चाहिए या किन लोगों को अच्छा नहीं करना चाहिए। इससे आपको शुभ फल नहीं बल्कि कष्ट ही मिलेंगे।
आइए जानते हैं इस श्लोक के माध्यम से
श्लोक
मूर्खशिष्योपदेशेन दुष्टस्त्रीभरणेन च ।
दुःखितैः सम्प्रयोगेण पण्डितोऽप्यवसीदति ॥
आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में इस श्लोक के माध्यम से बताया है कि हर व्यक्ति की इच्छा होती है कि उसका जीवन सुचारू रूप से गुजरे और उसे किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
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लेकिन कई बार अनजाने में हम कुछ ऐसा काम कर देते हैं, जिसका हमें जीवन भर पछतावा होता है और इसका हमारे जीवन पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है।
मूर्ख को ज्ञान मत दो
आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में कहा है कि मूर्ख व्यक्ति को कभी भी ज्ञान नहीं देना चाहिए। क्योंकि आप उसे कितना भी सही बता दें, गलत होने पर भी वह आपसे हमेशा बहस करेगा।
इसका मतलब है कि एक मूर्ख आपको कभी समझने की कोशिश नहीं करेगा। ऐसे में आप अपना समय और बुद्धि दोनों बर्बाद करेंगे।
दुष्ट स्त्री का पालन-पोषण न करें
चाणक्य नीति के अनुसार जिस स्त्री के मन में ईष्र्या हो या घर में किसी प्रकार का बंटवारा करने की कोशिश करती हो, उस स्त्री का पालन-पोषण नहीं करना चाहिए।
घर में परेशानी पैदा करने वाली महिला से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। क्योंकि ऐसा करने वाली स्त्री के कारण घर में सुख-समृद्धि नहीं आती और सब कुछ नष्ट हो जाता है।
भगवान को श्राप देने वाले से दूर रहें
जो व्यक्ति हमेशा दुख के सागर में डूबा रहता है और अपनी स्थिति के लिए भगवान को दोष देता है, और अन्य लोगों को भी शाप देता है, ऐसा व्यक्ति अपने जीवन में कभी संतुष्ट नहीं होता है और न ही दूसरों को जीने देता है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार इस प्रकार के व्यक्ति से आप जितनी दूरी बनाए रखेंगे आपके लिए उतना ही अच्छा रहेगा। नहीं तो आपके अंदर भी इस तरह की भावना पैदा हो सकती है।
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