‘अजान’ प्रतियोगिता पर बढ़ा विवाद | शिवसेना और भाजपा आमने सामने

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बाबरी का ढांचा गिरते ही जिन्होंने हाथ खड़े कर लिए उनके द्वारा हिंदुत्व का पोपट पंछी करना दिलचस्प ही है।

मुंबई : आज बुधवार को शिवसेना (Shiv Sena) ने अपने मुखपत्र सामना (Saamana) के जरिए बीजेपी (BJP) पर निशाना साधा।

शिवसेना ने बीजेपी (BJP) के हिंदुत्व को खोखला बताते हुए अपने नेता पांडुरंग सकपाल के अजान प्रतियोगिता के बयान पर अपनी सफाई दी।

जान लें कि शिवसेना (Shiv Sena) के दक्षिण मुंबई विभाग प्रमुख पांडुरंग सकपाल ने एक कार्यक्रम में कहा था कि मस्जिद से दी जाने वाली अजान की आवाज उन्हें मीठी लगती है।

बच्चों के खातिर अजान प्रतियोगिता आयोजित की जानी चाहिए। इस बात पर बीजेपी (BJP) ने आपत्ति करते हुए कहा कि शिवसेना (Shiv Sena) हिंदुत्व छोड़ चुकी है। आइए आपको बताते हैं कि सामना में और क्या-क्या छपा है।

भारतीय जनता पार्टी का खोखला हिंदुत्व बीच-बीच में फुसफुसाता रहता है। उसी तरह अब वह एक अजान प्रकरण में फुसफुसाता नजर आ रहा है।

दक्षिण मुंबई के शिवसेना (Shiv Sena) के विभाग प्रमुख पांडुरंग सकपाल ने मुस्लिम भाइयों की एक स्वयंसेवी संस्था द्वारा आयोजित अजान प्रतियोगिता की सराहना की और सहयोग देने का आश्वासन दिया।

वर्तमान समय में कोविड का प्रकोप है इसलिए धार्मिक उत्सवों में भीड़ ना हो यह राष्ट्र और राज्य की मांग है. दक्षिण मध्य मुंबई में मुसलमानों की एक बस्ती है।

वो भी नीचे उतरकर भीड़ ना करें, जो भी कार्यक्रम या उत्सव मनाने हैं, वो ‘ऑनलाइन’ मतलब डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल करके मनाएं। शिवसेना इस कार्य में आपकी मदद करेगी।

बीजेपी के नेताओं ने इस पर ऐसा दुष्प्रचार शुरू किया कि ‘देखो, क्या हो रहा है? शिवसेना ने भगवा छोड़ दिया है और हिंदुत्व को त्याग दिया है। शिवसेना वोटों के लिए चापलूसी कर रही है. शिवसेनाका हिंदुत्व खोखला है।’

‘अजान’ प्रकरण में शिवसेना पर इस तरह से कीचड़ उछालना मतलब दिल्ली की सीमा में सिख किसानों को पाकिस्तानी आतंकी कहने जैसा ही है।

दिल्ली की सीमा पर जो सिख किसान भाई आंदोलन के लिए जमा हुए हैं, उनमें से बहुसंख्यक लोग परिश्रम करने वाले ‘जवान’ हैं। देश के लिए उन्होंने जंग के मैदान में शौर्य दिखाया है।

इनमें से कई लोगों के बच्चे आज भी बॉर्डर पर पाकिस्तानियों से लड़ रहे हैं और पिछले एक-दो दिन में इनमें से चार लोगों के शहीद होने की खबरें भी आई।

ऐसे राष्ट्रभक्तों को जो ‘ट्रोल बहादुर’ आतंकी अथवा पाकिस्तानी कहकर अपमानित कर रहे हैं, उनसे और क्या अपेक्षा कर सकते हैं?

शिवसेना (Shiv Sena) के ‘अजान’ प्रकरण में हिंदुत्व को त्याग देने की बात जो दांत किटकिटाकर कह रहे हैं, उनके दांतों में ‘ईद’ के शीर-खुर्मे और बिरयानी के टुकड़े फंसे होने की सागर संगीत तस्वीरें अभी जारी हुई हैं।

प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय मंत्री गोयल की भी कुछ तस्वीरें प्रसारित हुई हैं लेकिन हमें इस मामले में बखेड़ा खड़ा नहीं करना है क्योंकि देश के 22 करोड़ मुसलमान देश के नागरिक हैं।

बांग्लादेशी घुसपैठिये, पाकिस्तानी, रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर शिवसेना (Shiv Sena) की भूमिका सख्त है लेकिन अब तक मोदी सरकार ने कितने बांग्लादेशियों को ढूंढकर उन्हें बाहर फेंका है।

यह ‘ट्रोल बहादुर भक्तों’ की टोली बता सकती है क्या?

आज सर्वाधिक लाउडस्पीकर उत्तर प्रदेश, बिहार की मस्जिदों पर लगे हैं।

कश्मीर घाटी से अनुच्छेद-370 हटा दिया गया, फिर भी इन लाउडस्पीकरों से लोगों को उकसाया जाता है। उसे भी रोकना नहीं चाहिए क्या?

अब किसी अजान प्रतियोगिता के प्रकरण पर हिंदुत्व की नाप-तौल करना है तो लोगों के मन में उठने वाले इन सवालों के उत्तर भी मिलने चाहिए।

लालकृष्ण आडवाणी पाकिस्तान में जाकर मोहम्मद अली जिन्ना की कब्र पर फूल चढ़ाकर और जिन्ना के एक इतिहास पुरुष होने की बात कहकर आए थे। लेकिन तब उसे कहा गया कि यह राज शिष्टाचार का एक हिस्सा था।

खुद प्रधानमंत्री मोदी खास विमान से पाकिस्तान में उतरकर नवाज शरीफ के जन्मदिन का केक काटकर आए। केक के अंश उस समय उनकी दाढ़ी में फंसे ही होंगे। लेकिन तब बीजेपी (BJP) का हिंदुत्व पतला नहीं हुआ था बल्कि वह एक ‘मास्टर स्ट्रोक’ था.

बीजेपी (BJP) ने गोवंश हत्या बंदी कानून बनाया, इससे गौमांस खाना और रखना एक गुनाह बन गया। उससे हिंदुत्व के प्रखर होने का प्रचार किया गया।

लेकिन आज भी गोवा से लेकर उत्तर-पूर्व के बीजेपी (BJP) शासित राज्यों में गौमांस की बिक्री अधिकृत रूप से जारी ही है। यह बिक्री बंद की गई तो बीजेपी (BJP) के वोटों पर प्रभाव पड़ेगा इसलिए सब कुछ ‘बेरोकटोक’ जारी है।

शिवसेना (Shiv Sena) के हिंदुत्व की तरफ उंगली दिखाने वालों चार उंगलियां खुद तुम्हारी तरफ भी मुड़ी हुई हैं। ये याद रखो।

खुद वोटों के लिए चापलूसी की बांग देना, दूसरों के ज्ञान पर ऐतराज जताना या किसी भी धर्म के लोगों की भावनाओं का आदर करना मतलब हिंदुत्व से मुंह मोड़ना नहीं है।