झांसी में देवर भाभी के प्यार कि कातिल प्रेम कहानी सुनकर हर कोई हैरान है। पति की हत्या के बाद महिला पूरी जिंदगी अपने 8 साल छोटे प्रेमी, चचेरे भाई बहनोई के साथ बिताना चाहती थी।
हत्या के बाद 3 महीने तक पुलिस मामले का पता नहीं लगा पाई। शक के आधार पर जब पत्नी के नंबर का सीडीआर निकाला गया तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ।
हत्या के 6 महीने पहले पत्नी से सबसे ज्यादा 11 हजार 374 मिनट (करीब 189 घंटे) बातचीत एक नंबर पर होने का पता चला था।
जब इस नंबर की पड़ताल की गई तो पता चला कि यह कोई और नहीं, 100 मीटर दूर रहने वाले चचेरा देवर हैं। वह जब भी फ्री होती थी तो अपने बॉयफ्रेंड से फोन पर बात करती थी।
रात में भी वह पति को सुलाने के बाद रात भर अपने प्रेमी से छुप-छुप कर बातें करती थी। यहीं पर पुलिस को शक हुआ। कड़ी पूछताछ में हत्या की गुत्थी उजागर हो गई।
जब महिला की शादी हुई तब प्रेमी 9 साल का था
बिजौरा गांव निवासी लोकेंद्र पटेल (30) खेती करता था। 2010 में उसकी शादी रामकुमारी (28) से हुई थी। तब रामकुमारी का प्रेमी चचेरा देवर आदर्श पटेल (20) सिर्फ 9 साल का था। आदर्श अपने माता-पिता का इकलौता बेटा है।
मृतक : लोकेंद्र यादव
रामकुमारी और आदर्श के बीच करीब 6 महीने से अवैध संबंध थे। इन 6 महीनों में दोनों के बीच फोन पर दिन में 4321 मिनट और रात में 7698 मिनट तक बातचीत हुई।
संयुक्त परिवार और काम की वजह से महिला दिन में कम बात करती थी। रात को पति के सोने के बाद वह रात भर अपने प्रेमी से बातें करती रहती थी।
प्रेमिका को दिलाया था नया मोबाइल
21 अगस्त 2021 को लोकेंद्र ने अपनी पत्नी रामकुमारी को अपने चचेरे भाई आदर्श पटेल के साथ घर में आपत्तिजनक स्थिति में देखा। तभी से दोनों के बीच अनबन चल रही थी। उसने आदर्श को घर आने से मना कर दिया था।
पत्नी से मोबाइल छीनकर सिम तोड़कर फेंक दिया। कुछ दिनों बाद आदर्श ने अपने नाम से एक कीपैड मोबाइल और सिम लिया और अपनी प्रेमिका रामकुमारी को दे दिया। कुछ दिनों तक बात हुई, लेकिन 20 सितंबर 2021 को आदर्श ने पकड़े जाने के डर से मोबाइल और सिम वापस ले लिया था।
मिलना-जुलना बंद हुआ, फिर बना था हत्या का प्लान
रामकुमारी मंगलवार को कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठ गई थी। घूंघट डालकर धरने में बैठी रामकुमारी।
दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे। पति की सख्ती के बाद न तो मिल पा रहे थे और न ही फोन पर बात कर पा रहे थे। दोनों के मिलने में पति बाधक बन रहा था। इसी को लेकर दोनों ने लोकेंद्र को बीच से हटाने का प्लान बनाया।
30 सितंबर को रामकुमारी साजिश के तहत अपने पति लोकेंद्र को खेत में ले गई। उस समय देवर कुल्हाड़ी लेकर खेत में छिपा था। शाम को दोनों घर जाने लगे तो देवर ने लोकेंद्र के सिर पर पीछे से वार कर उसकी हत्या कर दी।
गिरफ्तारी से एक दिन पहले धरना
लोकेंद्र की हत्या के बाद परिजन पुलिस पर दबाव बना रहे थे। पत्नी रामकुमारी ने अज्ञात पर हत्या का केस दर्ज कराया था। बाद में परिजनों ने गांव के प्रधान समेत 4 लोगों पर हत्या करने का आरोप लगाया था।
दो बार थाने में प्रदर्शन किया। मंगलवार को कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठ गए थे। तब पुलिस अफसरों ने समझा कर धरना समाप्त कराया था। इस धरने में पत्नी भी शामिल थी। महिला का 9 साल का एक बेटा भी है।