नई दिल्ली। चीन में उइगर मुसलमानों को किस हद तक सताया जा रहा है यह किसी से छिपा नहीं है। तमाम पाबंदियां लगाकर उन्हें जेल में डालना और ऐसी यातनाएं देना कि सुनने और देखने वालों की रूह कांप उठे।
फिलहाल यहां एक डिटेंशन सेंटर का खुलासा हुआ है, जहां उइगर हमलों को थर्ड डिग्री से भी बदतर तरीके से प्रताड़ित किया जा रहा है।
शिनजियांग पुलिस फाइल्स के नाम से इस केंद्र का सच दुनिया के सामने आ गया है। हालांकि, उइगर मुसलमानों के अलावा अन्य जातियों और धर्मों के लोगों को भी इस केंद्र में बंदी बनाकर रखा गया है।
प्रताड़ना की हद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां पुरुषों और महिलाओं के प्राइवेट पार्ट में करंट लगाया जाता है।
अत्याचार की हद यह है कि महिलाओं के साथ खुलेआम रेप किया जाता है। इतना ही नहीं यहां से भागने की कोशिश करने वालों को भी सीधे गोली मार दी जाती है।
पुनर्शिक्षा कार्यक्रम के नाम पर उत्पीड़न
शिनजियांग पुलिस फाइल्स नाम से सामने आई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि एक ऐसा डिटेंशन सेंटर है जहां करीब दस लाख उइगर मुसलमानों और अन्य धर्मों और जातियों के लोगों को बंदी बना लिया है।
BREAKING: huge trove of files obtained by hacking into Xinjiang police / re-education camp computers contain first-ever image material from inside camps, reveal Chen Quanguo issuing shoot-to-kill orders, Xi Jinping demanding new camps because existing ones are overcrowded. 🧵 pic.twitter.com/6K19Wxf0Lx
— Adrian Zenz (@adrianzenz) May 24, 2022
चीन का दावा है कि उन्हें देश की परंपरा, सरकारी नीतियां और देश से जुड़ी अन्य अहम जानकारियां दी जाती हैं। इसे पुनर्शिक्षा कार्यक्रम का नाम दिया गया है।
डिटेंशन सेंटर के नाम पर चलाए जा रहे अत्याचार केंद्र
चीन में शिक्षा से जुड़े मुद्दों पर काम करने वाले एड्रियन जेन्ज ने डिटेंशन सेंटर के नाम पर सरकार द्वारा चलाए जा रहे यातना केंद्रों का पर्दाफाश किया है।
एड्रियन चीनी सरकार के दस्तावेज़ विशेषज्ञ भी हैं। उसने कुछ डिटेंशन सेंटरों में हो रहे अत्याचारों से जुड़े दस्तावेज लीक किए हैं।
शिनजियांग पुलिस फाइल्स नाम से जारी इन दस्तावेजों में बताया गया है कि किस तरह चीन सरकार यहां गुनाह की इंतेहा किए हुए हैं। उन्होंने इसकी पूरी सच्चाई फोटो और दस्तावेजों के जरिए बयां की है।
यूएन मानवाधिकार प्रमुख जाने वाले हैं शिनजियांग
एड्रियन जेनेज अमेरिकी एनजीओ द विक्टिम्स ऑफ कम्युनिज्म मेमोरियल फाउंडेशन से जुड़े हैं। शिनजियांग पुलिस की फाइलें उस समय सामने आई हैं जब संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बाचेलेट शिनजियांग का दौरा करने वाली हैं।
गेंज ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि डिटेंशन सेंटर में रखे गए सभी लोगों को बंदी बनाकर रखा गया है। यहां के वॉच टावर पर स्नाइपर्स तैनात किए गए हैं।
जो बीच से भागने वालों को देखते ही गोली मार देते हैं। पूछताछ के नाम पर महिलाओं से रेप होता है। करंट को पुरुषों और महिलाओं के प्राइवेट पार्ट पर लगाया जाता है। उन्हें बुरी तरह पीटा जाता है।
चीन ने इसे डिटेंशन नहीं ट्रेनिंग सेंटर बताया
इस डिटेंशन सेंटर में बंद 42 वर्षीय तरसुने झियाउदुन ने बताया कि उसे बुरी तरह पीटा गया है, यौन शोषण दिया जाता है। सामूहिक दुष्कर्म किया। प्राइवेट पार्ट में करंट लगाया।
कुछ अन्य कैदियों ने बताया कि यहां धार्मिक अभ्यास की अनुमति नहीं है। यातना के नाम पर सुई चुभोई जाती है। सोने न दें नाखून निकाले हैं। हालांकि, हमेशा की तरह इस बार भी चीन ने इन आरोपों का खंडन किया है।
चीन इस डिटेंशन सेंटर को री-एजुकेशन प्रोग्राम के तहत चलने वाला ट्रेनिंग सेंटर बताता रहा है, चीन का दावा है कि यहां लोग अपनी मर्जी से आते हैं, ट्रेनिंग लेते हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा पैसा कमा सकें।
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