Driving License New Rules 2022 : अगर आप भी अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने या रिन्यू कराने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए है। केंद्र सरकार ने ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के नियमों में बदलाव किया है।
नए नियमों का लाभ आम आदमी को मिलना तय है। इन नियमों के लागू होने के बाद आपको ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) लेने के लिए क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए ड्राइविंग लाइसेंस के नए नियम पहले के मुकाबले काफी आसान हो गए हैं।
Driving License New Rules 2022 : 1 जुलाई 2022 से लागू होंगे नए नियम
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के संशोधित नियम के मुताबिक अब आपको आरटीओ में जाकर किसी भी तरह का ड्राइविंग टेस्ट नहीं देना होगा।
- BAMBOO FARMING BUSINESS IDEA : सरकारी मदद से शुरू करें बांस की खेती, कुछ सालों में बन जाएंगे मालामाल
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा नए नियम 1 जुलाई 2022 से लागू किए जाएंगे। नए नियम लागू होने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए वेटिंग लिस्ट का इंतजार कर रहे करोड़ों लोगों को राहत मिलेगी।
Driving License New Rules 2022 : सर्टिफिकेट के आधार पर बनेगा डीएल
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए अब आपको आरटीओ में टेस्ट देने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। आप किसी भी मान्यता प्राप्त ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में डीएल के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
यहां से ट्रेनिंग लेने के बाद आपको वहां से टेस्ट पास करना होगा। परीक्षा पास करने वालों को स्कूल सर्टिफिकेट जारी करेगा। इस सर्टिफिकेट के आधार पर आपका डीएल बन जाएगा।
Driving License New Rules 2022 : थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों होंगे जरूरी
मंत्रालय द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) के लिए शिक्षण पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। इसे दो भागों में बांटा गया है, थ्योरी और प्रैक्टिकल। लाइट मोटर व्हीकल (LMV) के लिए कोर्स की अवधि चार सप्ताह है, जो 29 घंटे तक चलेगी।
प्रैक्टिकल के लिए आपको सड़कों, हाईवे, शहर की सड़कों, गांव की सड़कों, रिवर्सिंग और पार्किंग आदि पर प्रैक्टिकल के लिए 21 घंटे देने होंगे। बाकी 8 घंटे आपको थ्योरी सिखाई जाएगी।
Driving License New Rules 2022 : प्रशिक्षण केंद्र के लिए दिशानिर्देश
सड़क एवं परिवहन मंत्रालय द्वारा प्रशिक्षण केंद्रों के लिए कुछ दिशानिर्देश और शर्तें भी निर्धारित की गई हैं। आपके लिए इन दिशानिर्देशों से अवगत होना भी महत्वपूर्ण है।
1. दुपहिया, तिपहिया और हल्के मोटर वाहनों के प्रशिक्षण केंद्रों के लिए कम से कम एक एकड़ भूमि। भारी यात्री/मालवाहक वाहनों या ट्रेलरों के लिए प्रशिक्षण केंद्र के पास दो एकड़ जमीन होना जरूरी है।
2. ट्रेनर के लिए कम से कम 12वीं पास होना जरूरी है। साथ ही उसके पास कम से कम 5 साल का ड्राइविंग अनुभव होना चाहिए।
3. ड्राइविंग सेंटर्स के सिलेबस को 2 भागों में बांटा गया है, थ्योरी और प्रैक्टिकल।
4. प्रशिक्षण केंद्र पर बायोमेट्रिक सिस्टम होना जरूरी है।
5. मध्यम और भारी वाहन मोटर वाहनों के लिए पाठ्यक्रम की अवधि 6 सप्ताह में 38 घंटे है। इसमें 8 घंटे थ्योरी की क्लास और बाकी 31 घंटे की प्रैक्टिकल की क्लास होगी।
Also Read
- BETEL LEAF CULTIVATION | पान के पत्ते की खेती के लिए रखें इन बातों का ध्यान, कमाएंगे लाखों में!
- SUKANYA SAMRIDDHI YOJANA : अगर आप अपनी बेटी की शिक्षा या उसकी शादी को लेकर चिंतित हैं, तो इस योजना में निवेश करें
- CRIME NEWS | किशोरी बेटी को बेचकर बाप करवा रहा था शादी, सिर पर सेहरा और हाथ में जूता लेकर भागा दूल्हा