वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने गुरुवार (7 जुलाई, 2022) को कहा कि, देश के युवाओं पर बड़ी जिम्मेदारी है। यहां मेधावी लोगों की कमी नहीं है, लेकिन शिक्षा को संकीर्ण सोच से हटाना जरूरी है।
हमें बच्चों के मन को समझना होगा। उन्हें उनकी पसंद की शिक्षा देना जरूरी है। पीएम के मुताबिक, नई शिक्षा नीति देश को दिशा देगी। हालांकि जिम्मेदारी बढ़ी है, लेकिन हमारी अर्थव्यवस्था भी बढ़ रही है।
मिड डे मील किचन में गए
दरअसल, प्रधानमंत्री करीब चार महीने बाद अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी गए थे। इस दौरान पीएम काशी को 1800 करोड़ रुपये का तोहफा देंगे।
इन विकास योजनाओं की घोषणा करने और उन्हें संबोधित करने से पहले पीएम ने अक्षय पात्र मिड डे मील किचन का उद्घाटन किया।
इस दौरान वह खुद किचन में गए और हर चीज का जायजा लेने लगे। उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कुछ अधिकारी एक साथ आगे-पीछे चल रहे थे।
Addressing Akhil Bhartiya Shiksha Samagam in Varanasi. https://t.co/1SwbAU6HRE
— Narendra Modi (@narendramodi) July 7, 2022
इसके बाद वह इंटरनेशनल कोऑपरेशन एंड कन्वेंशन सेंटर-रुद्राक्ष पहुंचे। वहां उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन किया।
उन्होंने कहा, जिस जमीन पर आजादी से पहले देश के महत्वपूर्ण विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी, वहां अखिल भारतीय शिक्षा समागम का आयोजन किया जा रहा है।
सिर्फ डिग्रीधारी ही युवाओं को तैयार न करें
उन्होंने कहा, बच्चों को पसंद की शिक्षा देना जरूरी है। हमें खुद को बदलना होगा। प्रणालियों को विकसित करना होगा। हमें न केवल डिग्री धारक युवाओं को तैयार करना चाहिए। बल्कि देश को अपनी शिक्षा प्रणाली देनी चाहिए।
देश को आगे बढ़ने के लिए जो भी मानव संसाधन चाहिए। इस संकल्प का नेतृत्व हमारे शिक्षकों और शिक्षण संस्थानों को करना है। हमारे युवा कुशल, आत्मविश्वासी, व्यावहारिक और गणनात्मक हों, शिक्षा नीति इसके लिए जमीन तैयार कर रही है।
अंग्रेजों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कही ये बड़ी बात
पीएम के अनुसार, शिक्षा में यह अव्यवस्था अंग्रेजों ने गुलामी के दौर में अपनी जरूरतों को पूरा करने और अपने लिए एक नौकर वर्ग तैयार करने के लिए की थी।
हमारे शिक्षक जितनी तेजी से इस भावना को आत्मसात करते हैं, उतनी ही तेजी से छात्रों और छात्रों के युवा देश लाभान्वित होगा।नए भारत के निर्माण के लिए नई व्यवस्थाएं बनाना भी उतना ही जरूरी है।