Ganesh Jayanti 2022 : हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश जयंती मनाई जाती है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था।
इस दिन को माघ चतुर्थी, माघ विनायक चतुर्थी, वरद चतुर्थी और तिलकुंड चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। आज यानी 4 फरवरी शुक्रवार को गणेश जयंती मनाई जा रही है।
भगवान गणेश देवताओं के स्वामी हैं और किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
ऐसा माना जाता है कि गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करने और व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। आइए जानते हैं गणेश जयंती के शुभ मुहूर्त, सामग्री सूची, पूजन विधि और व्रत कथा के बारे में।
गणेश जयंती तिथि
चतुर्थी तिथि आरंभ: 04 फरवरी, शुक्रवार, प्रातः 04:38 मिनट से
चतुर्थी तिथि समाप्त: 05 फरवरी, शनिवार, प्रातः 03:47 मिनट पर
शुभ मुहूर्त
पूजन का शुभ मुहूर्त आरंभ: 04 फरवरी, शुक्रवार, प्रातः 11: 30 मिनट से
पूजन का शुभ मुहूर्त समाप्त:04 फरवरी, शुक्रवार, दोपहर 01: 41 मिनट तक
पूजन की कुल अवधि: 02 घंटा 11 मिनट
पूजा सामग्री लिस्ट
- भगवान गणेश की प्रतिमा
- लाल कपड़ा
- दूर्वा
- जनेऊ
- कलश
- नारियल
- पंचामृत
- पंचमेवा
- गंगाजल
- रोली
- लाल रंग की मौली
गणेश चतुर्थी पूजा विधि
- गणेश जयंती के दिन ब्रह्ममुहूर्त में स्नान कर लाल या पीले वस्त्र धारण करें।
- इसके बाद फूल, अक्षत और जल लेकर गणेश जयंती व्रत और गणेश पूजा का व्रत लें.
- संकल्प लेने के बाद किसी चौकी पर गणेश जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- इसके बाद गणेश जी का अभिषेक करें।
- उन्हें लाल फूल, चंदन, अक्षत, रोली, धूप, दीपक, गंध, जनेऊ आदि अर्पित करें।
- पूजा के दौरान ओम गंगा गणपतये नमः मंत्र का जाप करते रहें।
- भगवान गणेश को दूर्वा प्रिय हैं, इसलिए उन्हें दूर्वा की 21 गांठें अर्पित करें।
- इसके बाद लड्डू का भोग लगाएं।
- भोग लगाने के बाद गणेश चालीसा का पाठ करें और गणेश मंत्र का जाप करें।
- फिर चतुर्थी व्रत कथा का पाठ करें या गणेश जी की जन्म कथा सुनें।
- पूजा के अंत में गणेश जी की विधिपूर्वक कपूर या घी के दीपक से पूजा करें।