भोपाल : मध्य प्रदेश के साथ-साथ देश में कई जगहों पर बैंक के एजेंटों द्वारा कर्ज की वसूली (Recovery of Loans) के लिए ग्राहकों (Customers) को परेशान करना अब भारी पड़ सकता है।
इससे मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल समेत देश में विभिन्न जगहों पर बैंकों से कर्ज लेने वाले कर्जदारों को काफी हद तक राहत मिलने की संभावना है।
दरअसल, बैंक के एजेंट अब कर्ज की वसूली के लिए ग्राहकों को परेशान नहीं कर सकेंगे। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने शुक्रवार को मुंबई में कहा कि, ऐसी शिकायतें मिल रही हैं कि कर्ज वसूली एजेंट लोगों को धमकाते हैं, गाली देते हैं और दुर्व्यवहार करते हैं, जो बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है।
इस पर चिंता व्यक्त करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा, बैंकों के एजेंटों द्वारा ग्राहकों को परेशान करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
ऐसा करने वाले बैंकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। शक्तिकांत दास ने कहा, ‘बैंकों को कर्ज वसूलने का अधिकार है; लेकिन इससे किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए। एजेंटों के फोन कॉल के संबंध में बैंकों को दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।
उन्होंने कहा, आरबीआई जल्द ही ऋण प्रणाली को डिजिटल मोड में सुरक्षित बनाने के लिए दिशानिर्देश जारी करेगा। लोगों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए डिजिटल लेंडिंग ऐप्स के लिए कानून बनेगा।
ये लेनदारों के अधिकार हैं | Rights of Creditors
1. ऋण वसूली एजेंट (Loan Recovery Agents) ऋण की वसूली के लिए धमकी या उत्पीड़न, चाहे मौखिक हो या शारीरिक इसका सहारा नहीं ले सकते।
2. कर्जदार को सुबह 9 बजे से पहले और शाम 6 बजे के बाद फोन करना भी परेशान करने की श्रेणी में आता है।
3. बिना बताए कर्जदार के घर या कार्यस्थल पर जाकर रिश्तेदारों, दोस्तों या साथी कर्मचारियों को धमकाना और परेशान करना भी उत्पीड़न है।
4. धमकी या अभद्र भाषा का प्रयोग भी उत्पीड़न के दायरे में आता है।
लोगों के पास हैं ये विकल्प | People have these Options
कर्ज की वसूली के लिए बाहुबल का इस्तेमाल या धमकी देना उत्पीड़न के दायरे में आता है। अगर कोई रिकवरी एजेंट आपको परेशान कर रहा है तो बिना देर किए रिजर्व बैंक को इसकी सूचना दें।
अगर वसूली एजेंट हमला आदि करता है तो पुलिस को रिपोर्ट करें। न्यायालय के साथ लोक अदालत और उपभोक्ता न्यायालय में जाने का विकल्प है।
कहां शिकायत करें | Where to Complain
डिजिटल लेंडिंग ऐप्स से संबंधित शिकायतों और धोखाधड़ी की बढ़ती संख्या को दूर करने के लिए, आरबीआई ने सचेत पोर्टल (Sachet Portal) की स्थापना की है।