लव जिहाद पर हरियाणा सरकार भी जल्द बनाएगी कानून | अनिल विज

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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के लव जिहाद पर अध्यादेश लाने के फैसले का हरियाणा सरकार ने स्वागत किया है।

हरियाणा सरकार में मंत्री अनिल विज ने ट्वीट करके कहा है कि राज्य सरकार भी जल्द ही लव जिहाद पर कानून बनाएगी। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार भी लव जिहाद पर कानून लाने की तैयारी में है।

मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 28 दिसंबर से शुरू होगा और 30 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान शिवराज सरकार लव जिहाद पर बिल पेश करेगी।

अनिल विज ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के गुनहगारों पर एक्शन के लिए योगी कैबिनेट ने इस कानून पर अंतिम मुहर लगा दी है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिंदाबाद। हरियाणा भी लव जिहाद पर शीघ्र कानून बनाएगा।

 

आपको बता दें कि मंगवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में अवैध धर्मांतरण कानून ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020’ के मसौदे को मंजूरी दे दी गई।

इसके तहत बहला-फुसला कर, जबरन, छल-कपट कर, प्रलोभन देकर या किसी कपट रीति से या विवाह द्वारा एक धर्म से दूसरे धर्म में किया गया परिवर्तन गैरकानूनी होगा।

ऐसा करने पर अधिकतम 10 वर्ष की सजा दी जाएगी। साथ ही 25 हजार रुपये जुर्माना भी होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों चुनावी रैलियों में कहा था कि उनकी सरकार ‘लव जेहाद’ से निपटने के लिए एक कानून लेकर आएगी।

क्या कहता है यूपी का लव जिहाद पर लाया अध्यादेश

उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि कैबिनेट ने ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020’ के मसौदे को मंजूरी दे दी है।

इसके तहत अध्यादेश के नियमों का उल्लंघन करने पर कम से कम एक वर्ष और अधिकतम पांच वर्ष की सजा और 15 हजार रुपये का प्रावधान किया गया है।

इसके अलावा किसी अवयस्क महिला, अनुसूचित जाति, जनजाति की महिला के संबंध में नियमों का उल्लंघन करने पर कम से कम 3 साल की सजा और अधिकतम दस साल की सजा होगी। साथ ही जुर्माने की राशि 25 हजार रुपये होगी।

सामूहिक धर्म परिवर्तन पर 50 हजार जुर्माना

प्रवक्ता ने बताया कि सामूहिक धर्म परिवर्तन के संबंध में भी कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। ऐसी स्थिति में कम से कम तीन साल की सजा होगी, यह सजा अधिकतम 10 वर्ष तक की हो सकती है। वहीं जुर्माने की राशि भी ऐसे मामलों में बढ़ाकर 50 हजार रुपये होगी।

डीएम से लेनी होगी अनुमति

अध्यादेश के तहत ऐसे विवाह के लिए जिसमें धर्म परिवर्तन होना हो, विहित प्राधिकारी यानी डीएम से अनुमति लेनी होगी। इसके लिए जिला मजिस्ट्रेट को दो माह पूर्व में सूचना देनी होगी।

इसका उल्लंघन करने पर छह माह से लेकर तीन वर्ष तक की सजा का प्रावधान किया गया है। साथ ही जुर्माना 10 हजार रुपये से कम नहीं होगा।

धर्म परिवर्तन के लिए किया गया विवाह शून्य होगा

प्रावधान किया गया है कि केवल धर्म परिवर्तन के लिए की गई शादी शून्य मानी जाएगी। प्रावधान के मुताबिक, किसी एक धर्म से दूसरे धर्म में लड़की के धर्म में परिवर्तन के एक मात्र प्रयोजन के लिए किया गया विवाह शून्य की श्रेणी में लाया जाएगा।

गैर जमानती होगा अपराध

प्रावधान किया गया है कि जबरन, मिथ्या, बलपूर्वक, प्रलोभन व उत्पीड़न कर किया गया धर्मपरिवर्तन गैरजमानती अपराध होगा। यह अपराध संज्ञेय होगा और प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट के न्यायालय में उसकी सुनवाई होगी।