भोपाल: मध्य प्रदेश के भिंड जिले के निसार गांव में कुछ बदमाशों कि गुंडागर्दी और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही ने एक गर्भवती महिला की जान ले ली।
सात माह की प्रसूति रेखा राठौर का अपाहिज पति एंबुलेंस न मिलने पर पत्नी को लाहड़ सिविल अस्पताल में लोडिंग वाहन से लेकर आया। लोडिंग वाहन में ही रेखा ने नवजात बच्चे को जन्म दिया।
उचित इलाज नहीं मिलने से महिला के साथ उसके दूसरे बच्चे की भी गर्भ में ही मौत हो गई, जिसे लेकर परिजनों ने हंगामा किया।
मौके पर पहुंची पुलिस ने महिला का पोस्टमार्टम कर मामले की जांच शुरू कर दी है। हालांकि, उसकी बच्ची की हालत गंभीर होने के कारण उसे भी जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में रेफर कर दिया गया है।
सात माह की गर्भवती रेखा राठौर चार दिन पहले छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले से भिंड के निसार गांव स्थित अपने घर आई थी। रात में मां को प्रसव पीड़ा हुई। इस पर सास के पति सावली राठौर ने जननी एक्सप्रेस को फोन किया।
परिजनों का आरोप है कि गांव में जननी एक्सप्रेस आई लेकिन गांव के दबंग लोगों ने उसे लौटा दिया। इस पर बेबस पति लोडिंग वाहन में लेकर निसार गांव से लहार पहुंचा।
समय पर कर्मचारी अस्पताल नहीं पहुंचने पर प्रसूता ने एक बच्चे को जन्म दिया, जबकि प्रसूता को दूसरे बच्चे के जन्म के लिए लगातार दर्द हो रहा था।
पति का आरोप है कि प्रसव कक्ष में मौजूद स्टाफ ने गर्भवती महिला का उचित इलाज नहीं किया और उसे कुर्सी पर बिठा दिया। वह करीब 30 मिनट तक कुर्सी पर बैठी रहीं।
महिला को लगातार लेबर पेन और ब्लीडिंग हो रही थी। उचित देखभाल के अभाव में मां की मौत हो गई। रेखा की मौत के बाद परिवार ने हंगामा किया। पुलिस के अस्पताल पहुंचने पर यह मामला सामने आया।
पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। इस मामले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी यूपीएस कुशवाहा ने मामले की जांच कर कार्रवाई की बात कही है।
साथ ही उन्होंने दंगाइयों द्वारा एंबुलेंस लौटाने की घटना पर सफाई दी है। उनका कहना है कि गांव में प्रवेश का रास्ता संकरा होने के कारण जननी एक्सप्रेस वापस आ गई थी, जिसके कारण उसका पति गर्भवती महिला को एक लोडिंग वाहन में अस्पताल ले गया था।