International Tea Day 2022: लोगों में चाय के प्रति दीवानगी किसी से छिपी नहीं है। सुबह की नींद से लेकर आतिथ्य सत्कार तक का सारा भार चाय के कंधे पर होता है।
अगर हम चाय को दवा का दर्जा दे दें तो शायद गलत नहीं होगा क्योंकि चाय हमारे घरों में सर्दी-जुकाम जैसी कई बीमारियों की पहली दवा है।
अगर आप भी चाय के कुछ ऐसे ही दीवाने हैं तो यह खबर आपके काम की है। आज अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस है। एक ऐसा दिन जब चाय की अहमियत पूरी दुनिया के सामने रखी जाती है।
International Tea Day 2022 | चाय का इतिहास
भारत में चाय की शुरुआत 18वीं सदी से मानी जाती है। सबसे पहले बर्मा, म्यांमार और असम की सीमावर्ती पहाड़ियों पर चाय के बागान शुरू हुए।
अंग्रेजों के भारत आने के बाद चाय के उत्पादन में तेजी आई। पहले चीन से खेती के लिए बीज आयात किए जाते थे।
कुछ समय बाद, असम की प्रसिद्ध चाय के बीजों का उपयोग खेती के लिए किया जाने लगा और भारत में बड़े पैमाने पर चाय का उत्पादन शुरू हो गया।
21 दिसंबर, 2019 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त
दुनिया भर के चाय उत्पादक देश 2005 से हर साल 15 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस मनाते थे। 2015 में, संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन के माध्यम से, संयुक्त राष्ट्र में आधिकारिक तौर पर अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा गया था।
जो 21 दिसंबर 2019 को मान्यता दी गई थी और 21 मई को अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस के रूप में घोषित किया गया था। मान्यता मिलने के बाद 21 मई 2020 को पहली बार अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस मनाया गया।
International Tea Day 2022 की Theme
अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस 2022 की थीम ‘Celebrating Tea Around The World’ दुनिया भर में चाय का जश्न मनाना है। इसके साथ ही Tea Day एक आदर्श वाक्य के साथ मनाया जाता है जो ‘From Field to Cup’ फील्ड से लेकर कप तक है।
यह लाखों लोगों की आजीविका का साधन है
चाय प्रेमी हर गली में एक कप चाय की तलाश में रहते हैं, इसलिए गलियों में चाय बेचने वालों की रोजी-रोटी इन्हीं से चलती है।
चाय से आपको कई फायदे मिलते हैं तो कई लोगों को रोजगार भी मिलता है। चाय का उत्पादन और उसका व्यापार कई लोगों की आय का जरिया है।
चाय का सबसे ज्यादा शौकीन है भारत
चीन के बाद भारत दुनिया का सबसे बड़ा चाय उत्पादक देश है। चाय की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चाय की खपत के मामले में भारत दुनिया में पहले नंबर पर है। भारत में लोग हर साल लगभग 6,200,000 टन चाय पीते हैं।