नई दिल्ली : हाल ही में बुली बाई ऐप के मुख्य आरोपी के तौर पर 18 साल की एक लड़की को गिरफ्तार किया गया था।
बॉलीवुड के जाने माने लेखक जावेद अख्तर ने जब इस मामले में उस लड़की को काउंसलिंग और माफ करने की बात कही तो इस्लामिक और वामपंथी कट्टरपंथियों ने उस पर हमला करना शुरू कर दिया। जावेद अख्तर के ट्वीट पर कई कट्टरपंथियों ने प्रतिक्रिया दी।
हाल ही में बुल्ली बाई नाम का एक ऐप सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोर रहा है। ऐप को कथित तौर पर मुस्लिम महिलाओं द्वारा बोला जा रहा था और अभद्र भाषा का भी इस्तेमाल किया जा रहा था। मुंबई पुलिस ने इस मामले में दो लड़कों और 18 साल की एक लड़की समेत तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है।
18 साल की श्वेता नाम की लड़की को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने तरह-तरह के रिएक्शन दिए। कई लोगों ने श्वेता के खिलाफ सख्त सजा की मांग की तो कुछ ने कई अन्य उपायों को सामने रखते हुए उन्हें सलाह दी।
बॉलीवुड के मशहूर लेखक और अपनी राजनीतिक बयानबाजी को लेकर सुर्खियों में रहने वाले जावेद अख्तर ने भी इस विषय में ट्वीट किया है।
If “ bully bai” was really masterminded by an 18 year old girl who has recently lost her parents to cancer n Corona I think the women or some of them meet her and like kind elders make her understand that why what ever she did was wrong . Show her compassion and forgive her .
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) January 5, 2022
जावेद ने अपनी ट्वीट में श्वेता को माफ करने की बात कहते हुए लिखा
“अगर बुल्ली बाई जैसी साज़िश एक 18 वर्षीय लड़की द्वारा की गई, जिसने हाल ही में अपने माता-पिता को कैंसर और कोरोना से खो दिया है तो मुझे ऐसा लगता है कि महिलाओं को उससे मिलना चाहिए और दयालु बड़े लोगों की तरह उसे समझाना चाहिए कि उसने जो किया वह क्यों गलत था। उसके प्रति दया दिखाते हुए उसे माफ कर देना चाहिए।”
अख्तर को कहा ‘SHUT UP’
अख्तर के बस इतना लिखने की देर थी कि कट्टरपंथी इस्लामियों और वामपंथियों का एक धड़ा उन पर टूट पड़ा और उनके विचार का खंडन करते हुए उनकी आलोचना करने लगा।
लोगों ने अख्तर के लिए लिखा है क्योंकि वे पीड़ित नहीं हैं इसलिए उन्हें कोई हक नहीं बनता इस विषय में बताएँ कि क्या किया जाना चाहिए।


कुछ सवर्ण विरोधी और कथित दलित विचारक ट्विटर यूजर्स ने अख्तर को इस मामले में संतुलनवादी करार दिया और यह भी कहा कि उन्हें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि बच्चों के दिलों में नफरत कैसे पैदा की जा रही है और सिखाया जा रहा है कि मुसलमान दुश्मन हैं।


सानिया अहमद नामक एक महिला ने जावेद का कटाक्ष करते हुए लिखा क्या कोई उन्हें यह बताएगा कि उर्दू में ‘शट अप’ कैसे कहा जाता है।


लोगों ने उन्हें अपना काम से काम रखने की सलाह दी और कहा कि वे जाकर कविताएँ लिखें और अधिकारियों को निर्णय लेने दें कि इस मामले में क्या करना है।


‘द वायर’ की पत्रकार इस्मत आरा ने भी इस मामले में जावेद अख्तर की बात को खारिज करते हुए लिखा कि ऐसा नहीं हो सकता।
आपको बता दें कि इस्मत आरा ने सोशल मीडिया पर बुल्ली बाई नाम के ऐप को लेकर भी पोस्ट किया था। इस ऐप में कथित तौर पर इस्मत की तस्वीरें भी मिली थीं।