हमारे मन की बात सुनें पीएम मोदी | हम निर्णायक लड़ाई के लिए दिल्ली आए हैं !

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ये आंदोलन किसी एक प्रदेश, एक किसान का नहीं है ये पूरे देश का किसानों का आंदोलन है।

नई दिल्ली : नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन पांचवें दिन भी जारी है। दिल्ली बॉर्डर पर डेरा जमाए हुए किसानों ने सोमवार को कहा कि हम अपनी मांगों को पूरा होने तक आंदोलन जारी रखेंगे।

नए कृषि कानून के विरोध में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए किसान नेता ने कहा कि हम सभी राज्यों के किसान संगठनों के साथ बैठक नहीं कर सकते।

ऐतिहासिक कृषि सुधारों के मामले में भी जानबूझकर यही खेल खेला जा रहा है। हमें याद रखना है यह वही लोग हैं जिन्होंने दशकों तक किसानों के साथ लगातार छल किया है।

मोदी का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब हाल के कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किसान देश में जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, हम गंगाजल जैसी साफ नीयत से काम कर रहे हैं।

आशंकाओं के आधार पर भ्रम फैलाने वालों की सच्चाई लगातार देश के सामने आ रही है। जब एक विषय पर इनका झूठ किसान समझ जाते हैं तो ये दूसरे विषय पर झूठ फैलाने में लग जाते हैं। चौबीसों घंटे उनका यही काम है।

नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। किसान संघों ने दोपहर दो बजे दोबारा मीटिंग की। इससे पहले पंजाब के 30 किसान संघों की सुबह 11 बजे बैठक हुई।

दोपहर की मीटिंग के बाद किसानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सरकार पर हमला बोला। किसानों ने कहा कि किसान अपने मन की बात मोदी को सुनाने आए हैं, हमारी बात नहीं सुनने पर उनको इसका नतीजा भुगतना होगा।

किसानों ने कहा मोदी जी मुंह में राम बगल में छूरी वाला का काम कर रहें हैं ये हरगिज मंजूर नहीं है। वहीं प्रेस कांफ्रेस में मौजूद टैक्सी और ट्रांसपोर्ट यूनियनों ने भी हड़ताल की भी धमकी दी है।

किसानों ने कहा कि ये आंदोलन किसी एक प्रदेश का नहीं है, ये आंदोलन किसी एक किसान का नहीं है ये पूरे देश का किसानों का आंदोलन है।

किसान नेता ने कहा मांगे पूरी न होने तक आंदोलन जारी रहेगा। शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन चलता रहेगा। किसानों का साफ कहना है कि वो पीछे नहीं हटेंगे।

किसानों के समर्थन में ट्रांसपोर्टर दी हड़ताल की धमकी

ट्रांसपोर्ट की 10 यूनियनों ने 2 दिन के अंदर किसानों की बात न मानने पर हड़ताल की धमकी देते हुए सरकार से किसानों की बात मानने की अपील की है। ट्रांसपोर्ट यूनियन ने किसानों का मांगों को पूरा करने के लिए सरकार को 2 दिन का समय दिया है।

‘यह सिर्फ पंजाब के किसानों का आंदोलन नहीं है’

वहीं स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव कहा कि यह आंदोलन ऐतिहासिक है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह किसान और सत्ता की लड़ाई है। यह आंदोलन भारत के लोकतंत्र के लिए एक मिशाल की तरह है।

स्वराज इंडिया के प्रमुख ने कहा कि आज के दिन सवाल किसानों से पूछने से अच्छा है कि सरकार से पूछा जाए। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ पंजाब के किसानों का आंदोलन नहीं है बल्कि 30 किसान संगठन आंदोलन कर रहे हैं।