महाराष्ट्र सरकार का फैसला | गरीब महिलाओं को 1 रुपए में 10 सैनिटरी नैपकिन मिलेंगे, हर गांव में लगेगी डिस्पोजल मशीन

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sanitary napkins

मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने गरीब महिलाओं को बहुत सस्ते दामों पर सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराने के लिए एक नई योजना शुरू करने की घोषणा की है।

इसके तहत गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) श्रेणी की महिलाओं को सिर्फ 1 रुपये में 10 सैनिटरी नैपकिन दिए जाएंगे, इसके अलावा स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को भी ये नैपकिन सस्ते दर पर मिलेंगे।

राज्य के ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री हसन मुश्रीफ ने बताया कि इसके लिए हर गांव में नैपकिन डिस्पोजल मशीन लगाई जाएगी।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार का यह आदेश 15 अगस्त से लागू होगा। सरकार का दावा है कि इससे ग्रामीण इलाकों की 60 लाख से ज्यादा महिलाओं को फायदा होगा।

इस योजना को लागू करने पर सालाना 200 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के अवसर पर महिलाओं के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए यह निर्णय लिया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हसन मुश्रीफ ने बताया कि महाराष्ट्र में सिर्फ 66 फीसदी महिलाएं ही सैनिटरी नैपकिन का इस्तेमाल करती हैं।

ग्रामीण इलाकों में तो स्थिति और भी खराब है। वहां सिर्फ 17 फीसदी महिलाओं को ही नैपकिन मिलता है। पूरे देश की बात करें तो मासिक धर्म वाली 32 करोड़ महिलाओं में से सिर्फ 12 फीसदी करोड़ महिलाएं ही नैपकिन का इस्तेमाल करती हैं।

पीरियड्स के दौरान साफ-सफाई के अभाव में महिलाओं में कई तरह की बीमारियां पैदा हो जाती हैं, जिनमें से कुछ जानलेवा भी हो सकती हैं।

हसन मुश्रीफ ने बताया कि, दुनिया में इन बीमारियों से 8 लाख महिलाओं की मौत होती है। यह महिलाओं की मौत का 5वां सबसे बड़ा कारण है।

मुश्रीफ ने कहा कि, जागरूकता की कमी और महिलाओं में सैनिटरी नैपकिन के उपयोग की कम संख्या को देखते हुए, राज्य सरकार ने महिलाओं को लगभग मुफ्त में सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराने की योजना शुरू करने का फैसला किया है।

सरकार के इस फैसले से बीपीएल श्रेणी की ग्रामीण महिलाओं को काफी मदद मिलेगी. इस समय 19 साल से कम उम्र की लड़कियों को 6 रुपये में सैनिटरी नैपकिन के छह पैकेट मिलते हैं।

इस वजह से जरूरतमंद महिलाओं को सस्ते नैपकिन नहीं मिल पा रहे हैं। लेकिन अब बीपीएल श्रेणी की सभी महिलाएं नई योजना का लाभ उठा सकेंगी।

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