No Lockdown & No Quarantine : जहां से कोरोना महामारी की शुरुआत हुई थी, वहां से यह वायरस मरता नजर आ रहा है। दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने कहा है कि वह अब कोरोना से निपटने के लिए तैयार है।
अब देश में न तो लॉकडाउन लगाया जाएगा और न ही किसी को क्वारंटीन किया जाएगा। पीटीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने बढ़ते कोरोना मामलों के बीच महामारी के प्रति व्यावहारिक रुख अपनाने का फैसला किया है।
दरअसल, 9 जनवरी को दक्षिण अफ्रीका के विशेषज्ञों ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि; बार-बार लॉकडाउन होने से देश की अर्थव्यवस्था, आजीविका और अन्य पहलुओं पर गहरा असर पड़ा है।
इसलिए सरकार को दुनिया की नजर में अनावश्यक कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने से बचना चाहिए, क्योंकि स्थानीय स्तर पर यह संभव नहीं है।
चौथी लहर से जूझ रहा है दक्षिण अफ्रीका
दक्षिण अफ्रीका इस समय कोरोना की चौथी लहर से जूझ रहा है। यहां बड़ी संख्या में ओमाइक्रोन संक्रमित मरीज आ रहे हैं। कोरोना की तीनों लहरों के दौरान अब तक 35 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. 93,278 मौतें हुई हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने क्या दिए सुझाव
सरकार ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से पूछा था कि अगर देश में उच्च स्तर का लॉकडाउन घोषित नहीं किया गया तो क्या इससे स्वास्थ्य सुविधाओं को खतरा होगा?
इस पर विशेषज्ञों की ओर से बताया गया कि सीरो सर्वे में सामने आया है कि पहली तीन लहरों से लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हुई है।
वहीं टीकाकरण से रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी अभूतपूर्व बदलाव आया है। इसके अलावा, ओमिक्रॉन के कारण गंभीर रूप से बीमार होने का जोखिम कम होता है।
बूस्टर डोस अनिवार्य
हालांकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि सरकार को उच्च जोखिम वाले लोगों के लिए बूस्टर खुराक प्रदान करनी होगी।
इसके अलावा थर्मल स्क्रीनिंग और हैंड सैनिटाइजेशन को भी खत्म किया जाए। हालांकि, बंद जगहों पर मास्क की अनिवार्यता पर ध्यान देना चाहिए।