Pandit Shiv Kumar Sharma Death : भारतीय संगीतकार और संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा का हृदय गति रुकने से निधन हो गया। उन्होंने मुंबई में अंतिम सांस ली और वे 84 वर्ष के थे।
वह पिछले छह महीने से किडनी संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे और डायलिसिस पर थे। उनका जन्म 13 जनवरी 1938 को जम्मू में पंडित उमा दत्त शर्मा के घर हुआ था।
1999 में एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उनके पिता ने महज पांच साल की उम्र में उन्हें तबला और गाना सिखाना शुरू कर दिया था।
शिवकुमार शर्मा ने 13 साल की उम्र से संतूर बजाना ना शुरू कर दिया था। बाद में उन्होंने अपने पिता के सपने को भी पूरा किया।
पंडित जी पिछले ढाई साल से लॉक डाउन और कोविड काल में पंडित जी घर से बहुत कम बाहर निकले। उन्हें पिछले छह महीने से किडनी संबंधी समस्या थी।
हालांकि उम्र संबंधी दिक्कतों और किडनी की समस्या के चलते उन्हें डायलिसिस भी कराना पड़ा। उनका दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार 10 मई की शाम को किया जाएगा।
फिल्म जगत में भी पंडित शिव कुमार शर्मा का अहम योगदान था। बॉलीवुड में ‘शिव-हरि’ (शिव कुमार शर्मा और हरि प्रसाद चौरसिया) की जोड़ी ने कई हिट गानों को संगीत दिया।
श्रीदेवी पर फिल्माए गए गीत ‘मेरे हाथों में नौ नौ चूड़ियां’ का संगीत इस हिट जोड़ी ने तैयार किया था।
पीएम मोदी ने जताया दुख
Our cultural world is poorer with the demise of Pandit Shivkumar Sharma Ji. He popularised the Santoor at a global level. His music will continue to enthral the coming generations. I fondly remember my interactions with him. Condolences to his family and admirers. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 10, 2022
मुख्यमंत्री ने संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा के निधन पर जताया दुख
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रख्यात संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है. मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा है कि संगीत कला के उस्ताद पंडित शिवकुमार जी, जो स्वभाव से सरल और आत्मा को मंत्रमुग्ध करने वाले थे, मां सरस्वती के अनन्य साधक थे।
कला और संगीत के क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। आज उनके निधन से संगीत जगत में एक विशाल शून्य उत्पन्न हो गया है।
मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिवार और शिष्यों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए शिवकुमार जी की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।
कॉन्सर्ट 15 मई को होना था
सबसे दुखद बात यह है कि शिव कुमार शर्मा जी का 15 मई को एक कार्यक्रम होने वाला था। कई लोग इस खास पल का हिस्सा बनने का इंतजार कर रहे थे।
इस कार्यक्रम में शिव कुमार शर्मा हरि प्रसाद चौरसिया प्रदर्शन करने जा रहे थे. लेकिन अफसोस इस घटना से कुछ दिन पहले ही शिव कुमार शर्मा ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।
घर से निकल कर संतूर को लेकर मुंबई पहुंचे
पंडित शिवकुमार शर्मा ने एक अन्य इंटरव्यू के दौरान खुलासा किया था कि बाद में उनके पिता चाहते थे कि वह जम्मू या श्रीनगर में ऑल इंडिया रेडियो में काम करें।
पिता चाहते थे कि उनका बेटा सरकारी नौकरी के जरिए अपना भविष्य सुरक्षित करे, लेकिन पंडितजी ने अपना लक्ष्य निर्धारित कर लिया था। इसी के साथ वह घर से निकलकर एक संतूर और जेब में सिर्फ 500 रुपये लेकर मुंबई आ गया और संघर्ष शुरू कर दिया।
पंडित शिव कुमार शर्मा का पहला प्रदर्शन मुंबई में हुआ था
पंडित शिव कुमार शर्मा का जन्म जम्मू में हुआ था। उन्होंने 13 साल की उम्र में संतूर सीखना शुरू कर दिया था। उनका पहला प्रदर्शन वर्ष 1955 में मुंबई में हुआ था।
इस महान शख्सियत ने 84 साल की उम्र में दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया है. उनके निधन से हर कोई दुखी है।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्राप्त किया
पंडित शिवकुमार शर्मा को कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मान और पुरस्कार मिले। उन्हें 1985 में बाल्टीमोर, संयुक्त राज्य अमेरिका की मानद नागरिकता प्राप्त हुई।
उन्हें 1986 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 1991 में पद्म श्री और 2001 में पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया।