उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले से पुलिस ने ऐसे दो लोगों को गिरफ्तार किया है। जिन्होंने नेपाली नागरिकों के फर्जी आधार और पैन कार्ड बनाए और उनके नाम से खाते खोलकर साइबर हैकर्स को बेच दिए।
फिर इन फर्जी बैंक खातों से ऑनलाइन धोखाधड़ी के पैसे निकाले गए। इस मामले में महाराजगंज साइबर सेल व निकलौल थाने की पुलिस ने ग्राहक सेवा केंद्र संचालक व एक नेपाली एजेंट को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि गिरोह के सरगना अनिल यादव समेत तीन आरोपी नेपाल भाग गए हैं।
फर्जी आधार और पैन कार्ड बनाकर खोले गए बैंक खाते
इस मामले पर पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता ने बताया कि काफी समय से साइबर फ्रॉड की ऐसी शिकायतें आ रही थीं, जिसमें जिले के विभिन्न बैंकों में खोले गए खातों में ऑनलाइन पैसा आ रहा था।
लेकिन जिन लोगों के नाम से खाते खोले गए उनके नाम से कोई भी व्यक्ति महराजगंज जिले में नहीं रहता था। मामले की जब गहराई से जांच की गई तो इस फर्जीवाड़े के तार नेपाल से जुड़े पाए गए।
पुलिस ने बताया कि आरोपी ग्राम पंचायतों की नकली मुहरों का इस्तेमाल कर नेपाली नागरिकों के फर्जी आधार कार्ड बनाता था। आधार कार्ड बनने के बाद उनके पैन कार्ड और फिर अलग-अलग बैंकों में खाते खोले गए।
बड़े गिरोह का पर्दाफाश करने की उम्मीद
एसपी का मानना है कि मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के बाद साइबर हैकिंग से जुड़े एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश होने की उम्मीद है। फर्जी बैंक खाते खुलवाने के बाद उन्हें 15 हजार रुपये में बेच दिया गया।
पुलिस को 14 ग्राम पंचायतों की मुहर, दो थंब स्कैनर मशीन, एक लैपटॉप, दो मोबाइल फोन, 48 सिम कार्ड, दो पैन कार्ड, 33 आधार कार्ड, पांच एटीएम, छह चेक, आरोपी उपेंद्र निगम का एक नेपाली पासपोर्ट मिला है और मौके से 15 हजार रुपये नकद बरामद किया गया है।
बैंक खाता 15,000 रुपये में बेचा गया था
आरोपितों ने न सिर्फ एक भारतीय के नाम पर कई नेपाली नागरिकों के आधार कार्ड बनवाने का सेटअप तैयार किया था, बल्कि उनके पैन कार्ड भी बनाए जा रहे थे।
इस मामले में गिरफ्तार नेपाल निवासी आरोपी बनिया उपेंद्र निगम की मां गायत्री देवी के नाम से 69 पैन कार्ड बनने की पुष्टि हुई है।
पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता ने बताया कि इन नेपाली नागरिकों के डाटा पर जितने भी खाते खोले जाते हैं उनमें सिर्फ साइबर हैकिंग के लिए पैसे निकालने का काम होता है।
ये अपराधी इन खातों को दूसरे राज्यों के बड़े हैकरों को 15,000 में बेच देते थे। इस मामले की गहराई से जांच की जा रही है।