PK Prashant Kishor | कांग्रेस को मुझसे ज्यादा नेतृत्व की जरूरत है, जो संगठन को ठीक कर सके !

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PK also raised questions on the leadership of Congress

PK Prashant Kishor : कांग्रेस के दरवाजेपर आकर खाली हात लौटे प्रशांत किशोर। उन्होंने घंटों बातचीत की, कई बेहतरीन प्रजेंटेशन दिए। बातचीत के कई दौर चले, लग रहा था कांग्रेस उभरेगी लेकिन सभी आशा धराशायी हो गई।

कांग्रेस उनकी बातों को बहुत ध्यान से सुनती रही पर उनकी बातो को कई लोग अच्छे दिन की शुरुआत मान रहे थे। ऐसा लग रहा था कि शायद कांग्रेस अब पीके के साथ अच्छे दिन की उम्मीद के साथ आगे बढ़ेगी। लेकिन शायद कॉंग्रेस के अच्छे दिन अभी आये नहीं।

क्योंकि बाने बनने से पहले ही ताना टूट गया। पीके कांग्रेस में शामिल होने से पीछे हट गए। और जाते समय कांग्रेस के दिल में अपनी कील ठोक दी।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस को नेतृत्व की जरूरत है, मेरी नहीं। अपने जाने की घोषणा करते हुए पीके ने अपने ट्वीट में इन सवालों को व्यक्त किया कि बिना नेतृत्व वाली पार्टी अपने कबीले को कैसे संभालेगी और ढहती दीवारों की मरम्मत कैसे करेगी।

पिछले कुछ दिनों से प्रशांत किशोर और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के बीच 10 जनपथ पर बैठक चल रही थी. यह चर्चा भी आम हो गई थी कि प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल होंगे।

मैराथन बैठकों के साथ ही प्रशांत किशोर ने संगठनात्मक ढांचे में बदलाव और अन्य पहलुओं को लेकर कांग्रेस नेतृत्व के सामने भारी प्रेजेंटेशन भी दिया था.

लेकिन मंगलवार को रणदीप सिंह सुरजेवाला का एक ट्वीट आया और सभी अटकलों पर विराम लग गया। रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर प्रशांत किशोर की तारीफ की और बताया कि उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। इसके बाद खुद प्रशांत किशोर ने भी ट्वीट किया कि उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।

पीके ने कांग्रेस के नेतृत्व पर भी उठाए सवाल

प्रशांत किशोर ने भी ट्वीट कर नेतृत्व पर सवाल उठाए। प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा कि मैंने एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप में शामिल होकर चुनाव की जिम्मेदारी लेने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।

उन्होंने कहा है कि पार्टी को नेतृत्व से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए मुझसे ज्यादा सामूहिक इच्छाशक्ति और परिवर्तनकारी सुधारों की जरूरत है।

पीके के फैसले का इमरान प्रतापगढ़ी ने किया स्वागत

उधर, इमरान प्रतापगढ़ी ने पीके के फैसले का स्वागत किया है। इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि पार्टी को अनुबंध के आधार पर नहीं बल्कि पूर्णकालिक रूप से उनकी सेवाओं की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पुरानी पार्टी है और उसे सड़क पार करने के लिए प्रशांत किशोर की जरूरत नहीं है। कांग्रेस के कुछ नेताओं का कहना है कि उन्हें पहले से ही पता था कि पीके पार्टी में शामिल नहीं होंगे।

ऐसा इसलिए है क्योंकि पार्टी में शामिल होने के बाद, उन्हें पार्टी के ढांचे के भीतर रहना पड़ता है, उन नियमों का ध्यान रखना होता है जिनका पालन अन्य नेता करते हैं।

कांग्रेस नेतृत्व के साथ कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं

प्रशांत किशोर और कांग्रेस नेतृत्व के बीच पिछले कुछ दिनों में कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं. 10 जनपथ पर पीके और प्रियंका गांधी ने भी कांग्रेस संगठन की कमियों पर घंटों मंथन किया था और चुनाव की रणनीति पर मंथन किया था।

प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को देश की 370 लोकसभा सीटों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी थी और बाकी को गठबंधन सहयोगियों के लिए छोड़ दिया था। प्रशांत किशोर ने उन राज्यों पर अधिक ध्यान देने की सलाह दी थी जहां कांग्रेस मजबूत है।

सोनिया के आवास पर हुई पीके की बैठक

प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल होंगे या नहीं, इस पर चर्चा के लिए एक दिन पहले सोनिया गांधी के आवास पर एक बैठक हुई थी।

इस बैठक में एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप बनाने का निर्णय लिया गया, जिसके सदस्य के रूप में पीके ने कांग्रेस में शामिल होने के निमंत्रण को ठुकरा दिया।

बैठक के बाद इस समूह के गठन की जानकारी देते हुए रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा था कि सदस्य कौन होंगे और किसकी भूमिका होगी, इस बारे में सोनिया गांधी फैसला लेंगी.

कई दिग्गज दूसरे दलों से संबंधों को लेकर सतर्क रहे

कांग्रेस के दिग्गज नेताओं का एक वर्ग भी पीके के साथ साझेदारी को लेकर सतर्क था। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक इस गुट के नेताओं ने कई राज्यों में कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वी दलों के साथ प्रशांत किशोर की कंपनी के समझौते का जिक्र किया था. पीके की हैदराबाद में केसीआर के साथ बैठक और टीआरएस के साथ कथित समझौते पर भी चर्चा हुई।

एक झटके में अटकलबाजी थम गई

एक तरफ कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व और पीके के बीच मंथन का दौर चल रहा था तो दूसरी तरफ उनके पार्टी में शामिल होने की चर्चा भी तेज हो गई थी।

यह भी माना जा रहा था कि वह जल्द ही औपचारिक रूप से कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे, लेकिन रणदीप सुरजेवाला का ट्वीट आया और एक झटके में सभी अटकलों पर विराम लग गया।

सुरजेवाला और पीके के ट्वीट के बाद 2024 के चुनाव को लेकर शुरू हुई कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ कार्यकर्ताओं के भविष्य को लेकर भी संशय पैदा हो गया है।