प्रत्येक नागरिक के लिए कोरोना वायरस का टीकाकरण एक राष्ट्रीय प्रतिबद्धता की तरह है.
कोरोना वायरस के बचाव के लिए तैयार की जा रही वैक्सीन्स पर चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ”यह अभी तय नहीं हुआ है कि किस वैक्सीन का मूल्य कितना रखा जाएगा. हालांकि, भारत में बनाए जा रहे दो टीके इस रेस में सबसे आगे हैं, हम वैश्विक कंपनियों के साथ भी काम कर रहे हैं. दवाओं के उपलब्ध होने के बाद भी, कुछ लोगों की प्रतिकूल प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं इसलिए निर्णय वैज्ञानिक आधार पर लिया जाना चाहिए.
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली इस बैठक में मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वेह वैक्सीन के लिए कोल्ड चेन स्टोरेज सुविधाओं के साथ तैयार हैं. उन्होंने कहा, ”वैक्सीन लगाने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों का प्रशिक्षण चल रहा है। जैसे ही हम वैक्सीन प्राप्त करेंगे, टीकाकरण शुरू कर दिया जाएगा। कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन जारी रखने के लिए लोगों से अपील भी की जाएगी.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्रत्येक नागरिक के लिए कोरोना वायरस का टीकाकरण एक राष्ट्रीय प्रतिबद्धता की तरह है. प्रत्येक राज्य और हितधारक को यह सुनिश्चित करने के लिए एक टीम के रूप में काम करना होगा क्योंकि यह मिशन के तौर पर व्यवस्थित, सुचारू और निरंतर प्रयास है.
पीएम मोदी ने कहा, ”हमारे लिए सुरक्षा काफी महत्वपूर्ण है, जितनी भी वैक्सीन अपने नागरिकों को दी जाएंगी वह सभी वैज्ञानिक मानकों पर सुरक्षित होंगी. राज्यों के साथ सामूहिक समन्वय के साथ वैक्सीन वितरण की रणनीति तैयार की जाएगी. राज्यों को भी कोल्ड स्टोरेज की सुविधा शुरू करनी चाहिए.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जहां तक कोरोना से ठीक होने की बात आती है सभी के संयुक्त प्रयासों के परिणामस्वरूप आज भारत अन्य देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये भी कहा कि कुछ लोग वैक्सीन पर राजनीति कर रहे हैं और मैं लोगों को राजनीति करने से नहीं रोक सकता. राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि हमारे वैज्ञानिक पूरी तरह कोशिश में लगे हैं लेकिन हम खुद ये तय नहीं कर सकते कि वैक्सीन कब तक आ पाएगी.
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना से ठीक हुए लोगों की बेहतर स्थिति को देखकर कई लोग सोचते हैं कि वायरस कमजोर है और वे जल्द ही ठीक हो जाएंगे, इससे बड़ी लापरवाही हो सकती है. टीके पर काम करने वाले अपना काम कर रहे हैं, लेकिन हमें यह सुनिश्चित करने पर ध्यान देने की आवश्यकता है कि यदि लोग सतर्क रहें तो वायरल के फैलने पर अंकुश लग सकता है. हमें 5% के अंदर सकारात्मकता दर लाने के लिए कोशिश करना होगा.
राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे वैज्ञानिक लगातार वैक्सीन को लेकर काम कर रहे हैं लेकिन हम वैक्सीन आने का समय तय नहीं कर सकते. वैक्सीन का आना हमारे हाथ में नहीं है और हमें नहीं पता कि कोरोना की वैक्सीन कब तक आएगी. वहीं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल में कोरोना की स्थिति बेहतर है और राज्य में सभी जरूरी दिशानिर्देशों का पालन हो रहा है. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि केंद्र सरकार जल्द ही जीएसटी के बकाए का पैसा दे.
गृहमंत्री अमित शाह ने अपने शुरुआती संबोधन में कहा कि यूरोप और अमेरिका में जिस गति से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं उसको देखते हुए हमें सतर्क रहना होगा. हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर जब अपने राज्य के आंकड़े दे रहे थे तो प्रधानमंत्री मोदी ने बीच मे ही उन्हें रोकते हुए कहा कि मनोहर जी आंकड़े तो पहले ही सामने आ चुके हैं. अब ये बताइए कि आगे इसे रोकने के लिए क्या प्रयास किये जा रहे हैं और क्या किया जाए कि इसकी रोकथाम हो. वहीं सूत्रों के मुताबिक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जीएसटी के बकाये का मुद्दा उठाया है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि कोविड की तीसरी लहर का इतना असर कई कारणों की वजह से पड़ा, जिनमें से सबसे अधिक प्रदूषण जिम्मेदार है. सीएम केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बताया कि 10 नवम्बर को शहर में कोविड-19 के सवार्धिक 8600 नए मामले सामने आए थे और उसके बाद से मामले तेजी से कम हो रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक दिल्ली के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया, ताकि पड़ोसी राज्यों में जलने वाली पराली के कारण होने वाले प्रदूषण से निजात पायी जा सके.
बैठक से ये भी खबर आई कि अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी से दिल्ली से सटे राज्यों में जलाई जा रही पराली से बढ़ रहे प्रदूषण को रोकने के लिए कुछ कदम उठाने और हस्तक्षेप करने की मांग की है. सीएम ने तीसरी लहर के खत्म होने तक केंद्रीय सरकार के अस्पतालों में अतिरिक्त 1000 आईसीयू बेड का रिजर्वेशन मांगा है.
राज्यों की पीएम के साथ बैठक में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर की वजह प्रदूषण है. आसपास के राज्यों में जलाई जा रही पराली से दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ा है और इससे कोरोना के मामलों में भी तेजी आ रही है. 10 नवंबर को दिल्ली में 8600 कोरोना संक्रमण के केस आए थे और उसके बाद से मामले घट रहे हैं.