

दिग्गज एक्ट्रेस सायरा बानो का कहना है कि उनके पति ट्रेजेडी किंग दिलीप कुमार की तबियत ठीक नहीं है। उन्होंने एक अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट से बातचीत में कहा, “वे ठीक नहीं है। काफी कमजोर हो गए हैं।
कभी-कभी वे चलकर हॉल में चले जाते हैं और वापस अपने कमरे में लौट आते हैं। उनकी इम्युनिटी कम है। उनकी अच्छी सेहत के लिए दुआ करें। हम हर दिन के लिए खुदा के शुक्रगुजार हैं।”
देखभाल प्यार में करती हूं ….
टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में सायरा ने कहा, “मैं दिलीप साहब की देखभाल प्यार में करती हूं। ऐसा नहीं है कि कोई दबाव है। मैं उनकी देखभाल इसलिए नहीं करती कि कोई मेरी तारीफ करे और मुझे समर्पित पत्नी कहे।
मेरे साथ हो रही दुनिया की सबसे अच्छी बात उन्हें छूना और कडल करना है। मैं उन्हें प्यार करती हूं और वे मेरी जिंदगी हैं।”
कोरोना को लेकर सतर्क रहे दिलीप
11 दिसंबर को 98 साल के होने जा रहे दिलीप साहब ने लिखा था, “कोरोनावायरस के प्रकोप के चलते मैं पूरी तरह आइसोलेशन और सेल्फ क्वारैंटाइन में हूं। मुझे किसी तरह का इन्फेक्शन न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए सायरा कोई मौका नहीं छोड़ रहीं।” इसके साथ ही उन्होंने अपने प्रशंसकों से घर में रहने की अपील की थी।
I am under complete isolation and quarantine due to the #CoronavirusOutbreak. Saira has left nothing to chance, ensuring I do not catch any infection.
— Dilip Kumar (@TheDilipKumar) March 16, 2020
कोरोना से दो भाइयों का इंतकाल हुआ
कोरोनावायरस के चलते इस साल दिलीप कुमार के दो छोटे भाइयों का निधन हुआ। 21 अगस्त को 88 साल के असलम का इंतकाल हुआ और फिर 2 सितंबर को 90 वर्षीय अहसान चल बसे।
दिलीप साहब ने इसी दिन मुझसे शादी की थी और मेरे सपनों को साकार किया था। इस साल हम जश्न नहीं मना रहे हैं। आप सभी जानते हैं कि हमने अपने दो भाइयों अहसान भाई और असलम भाई को खो दिया है।”
इसके चलते सायरा बानो और दिलीप कुमार ने 11 अक्टूबर को अपनी शादी की 54 वीं सालगिरह का जश्न नहीं मनाया था। सायरा ने सोशल मीडिया पर इस बात का ऐलान करते हुए लिखा था, “11 अक्टूबर हमेशा से मेरी जिंदगी का सबसे खूबसूरत दिन है।
पद्मभूषण, दादा साहब अवॉर्ड से सम्मानित
दिलीप कुमार का असली नाम मोहम्मद यूसुफ खान है। उन्होंने ‘ज्वार भाटा’ (1944), ‘अंदाज’ (1949), ‘आन’ (1952), ‘देवदास’ (1955), ‘आजाद’ (1955), ‘मुगल-ए-आजम’ (1960), ‘गंगा जमुना’ (1961), ‘क्रान्ति’ (1981), ‘कर्मा’ (1986) और ‘सौदागर’ (1991) समेत 50 से ज्यादा बॉलीवुड फिल्मों में काम किया है।
बेहतरीन अदाकारी के लिए उन्हें 8 बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के तौर पर फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। हिंदी सिनेमा के सबसे बड़े सम्मान दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से भी उन्हें सम्मानित किया जा चुका है। 2015 में भारत सरकार ने उन्हें देश का दूसरा सबसे बड़े सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया था।