CCTV at Ration Shops: अगर आप भी राशन की दुकान से सरकारी सस्ता गैली राशन लेते हैं, तो यह खबर आपके काम की है। सरकार राशन की दुकानों की व्यवस्था को पूरी तरह से बदलने पर विचार कर रही है।
अब राशन की दुकानों पर सीसीटीवी से नजर रखने की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा हेल्पलाइन नंबर की व्यवस्था भी पहले से बेहतर होने की उम्मीद है। संसद की एक समिति ने इसकी सिफारिश की है।
औचक निरीक्षण की प्रणाली की सिफारिश
दरअसल, संसद की एक स्थायी समिति ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के लाभार्थियों की शिकायतों के निवारण और राशन की दुकानों से माल के वितरण और कालाबाजारी पर नजर रखने के लिए ‘हेल्पलाइन नंबर’ प्रणाली में सुधार के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं।
इसकी सिफारिश की जाती है। खाद्य और उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण पर संसदीय स्थायी समिति ने भी सिफारिश की है कि सरकार को सस्ते गुल की दुकानों पर नजर रखने के लिए स्वतंत्र आकस्मिक जाँच की व्यवस्था करनी चाहिए।
शिकायत एजेंसी तक नहीं पहुंच पा रहे लाभार्थी
समिति ने 19 जुलाई को संसद में अपनी रिपोर्ट में कहा, एफसीआई के गोदामों में खाद्यान्न के संयुक्त निरीक्षण और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग में गुणवत्ता नियंत्रण प्रकोष्ठ की मौजूदगी के बावजूद, खाद्यान्न की गुणवत्ता खराब है, ऐसी लाभार्थीयो कि शिकायतें प्राप्त हुई हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक यह कुछ बिचौलियों की करतूत हो सकती है। ऐसे लोग राशन की दुकानों के बजाय अच्छी गुणवत्ता वाले खाद्यान्न को ‘अन्य स्थानों’ तक पहुँचाते हैं और गरीबों को निम्न गुणवत्ता का माल मिलता है। इसमें कहा गया है कि कई बार लाभार्थी अपनी शिकायतें संबंधित एजेंसियों तक नहीं पहुंचा पाते हैं।
कई बार संबंधित अधिकारी फोन नहीं उठाते हैं
समिति ने कहा कि विभिन्न राज्यों में टेलीफोन नंबर 1967 और 1800 के माध्यम से 24 घंटे शिकायत निवारण प्रणाली है। लेकिन यह लाभार्थियों की दैनिक समस्याओं को हल करने में सहायक नहीं है।
रिपोर्ट के मुताबिक, हर कोई जानता है कि ये टोल फ्री नंबर लाभार्थियों की जरूरतों के मुताबिक काम नहीं कर रहे हैं और ज्यादातर समय संबंधित अधिकारी कॉल नहीं उठाते हैं।
समिति ने कहा कि इन हेल्पलाइन नंबरों के समुचित संचालन से सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के कार्यान्वयन में पारदर्शिता और सार्वजनिक जवाबदेही बढ़ेगी।
राज्य सरकारें इस हेल्पलाइन नंबर को मजबूत करें और राशन की दुकानों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाएं, रिपोर्ट में गुणवत्ता संबंधी मुद्दों के समाधान और नियंत्रण के लिए एक व्यापक गुणवत्ता नियंत्रण सेल की स्थापना की भी सिफारिश की गई है।