Shaheed Diwas : एक हिंदुत्ववादी ने गांधी जी को गोली मारी थी : महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर राहुल गांधी का विवादित ट्वीट

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Shaheed Diwas: Gandhi was shot by a Hindutvawadi: Rahul Gandhi's controversial tweet on Mahatma Gandhi's death anniversary

महात्मा गांधी (Mahatama Gandhi) की पुण्यतिथि पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक बार फिर ट्वीट कर सियासी माहौल गर्म कर दिया है। राहुल ने ट्वीट कर लिखा कि एक ‘एक हिंदुत्ववादी ने गांधी जी को गोली मारी थी। सब हिंदुत्ववादियों को लगता है कि गांधी जी नहीं रहे। जहां सत्य है, वहां आज भी बापू ज़िंदा हैं!’

आपको बता दें कि इससे पहले भी राहुल गांधी हिंदुत्व पर हमलावर रहे हैं. इससे पहले 29 दिसंबर को कांग्रेस के तीन दिवसीय कांग्रेस प्रशिक्षण शिविर के समापन सत्र को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि जो ‘हिंदुत्व की विचारधारा को मानते हैं, वे किसी को भी नमन करते हैं, वे अंग्रेजों के आगे झुक गए और पैसो के आगे झुके थे, झुकने कि उन्हे आदत है, इसीलिये उनके दिल में कोई सच्चाई नहीं है’।

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महात्मा गांधी की 74वीं पुण्यतिथि मना रहा देश

भारत के स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नायक मोहनदास करमचंद गांधी (महात्मा गांधी) का निधन 30 जनवरी 1948 को हुआ था। देश इस वर्ष गांधीजी की 74वीं पुण्यतिथि मना रहा है।

इस मौके पर प्रधानमंत्री से लेकर देश के कई वरिष्ठ नेता राजघाट पर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे। महात्मा गांधी ने देश के लिए जो किया वह देश सदियों तक याद रखेगा।

उनके आदर्शों, अहिंसा की प्रेरणा, सत्य की शक्ति ने अंग्रेजों को भी झुकने पर मजबूर कर दिया। इसी योगदान के कारण गांधी जी को आज महात्मा गांधी के नाम से जाना जाता है।

30 जनवरी 1948 को हुई थी महात्मा गांधी की हत्या

बाद में 30 जनवरी 1948 को नई दिल्ली स्थित बिड़ला भवन में नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या कर दी थी। अहिंसा का संदेश देने वाले इस महान विभूति के जीवन का अंत होने के बाद देशवासियों ने मन ही मन गांधीजी को राष्ट्रपिता मान लिया।

सुभाष चंद्र बोस ने कहा था पहली बार राष्ट्रपिता

नेताजी सुभाष चंद्र बोस और महात्मा गांधी के बीच के मतभेदों की बात कही जाती है लेकिन सबसे पहली बार नेताजी ने ही 6 जुलाई 1944 को रंगून रेडियो स्टेशन से दिए गए अपने भाषण में गांधीजी को राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया था।

नेताजी ने आजाद हिंद फौज की स्थापना करते हुए महात्मा गांधी से आशिर्वाद मांगा था। अपने भाषण के अंत में सुभाष चंद्र बोस ने कहा था कि ‘हमारे राष्ट्रपिता, भारत की आजादी की पवित्र लड़ाई में मैं आपके आशीर्वाद और शुभकामनाओं की कामना कर रहा हूं।’