Share Market Update : पिछले 3-4 महीनों के दौरान शेयर बाजार की रफ्तार पर भले ही ब्रेक लगा हो, लेकिन छोटे निवेशकों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है।
एक ओर जहां विदेशी निवेशक (FPI) लगातार बाजार से पैसा निकाल रहे हैं, वहीं खुदरा निवेशक अपना दांव बढ़ा रहे हैं।
बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों के प्रति रिटेल इन्वेस्टर्स का एक्सपोजर लगातार बढ़ रहा है और दिसंबर तिमाही में उन्होंने एक नया रिकॉर्ड बनाया है। वर्तमान में, खुदरा निवेशकों का बाजार में एक्सपोजर सर्वकालिक उच्च स्तर पर है।
एलआईसी आईपीओ ने छोटे निवेशकों को बढ़ाया
प्राइम डेटाबेस ग्रुप के आंकड़ों के मुताबिक एनएसई में लिस्टेड कंपनियों में रिटेल इनवेस्टर्स की हिस्सेदारी दिसंबर तिमाही में बढ़कर 7.32 फीसदी हो गई।
सितंबर तिमाही में यह 7.13 फीसदी और एक साल पहले दिसंबर 2020 तिमाही में महज 6.90 फीसदी थी। अब मार्च तिमाही में एलआईसी का ऐतिहासिक आईपीओ आने वाला है।
जो भारत में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। इस आईपीओ से खुदरा निवेशकों का एक्सपोजर और बढ़ने की उम्मीद है।
दिसंबर तिमाही में इतना बढ़ा एक्सपोजर
दिसंबर तिमाही के दौरान बाजार का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। अक्टूबर से दिसंबर 2021 के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में करीब 1.5 फीसदी का नुकसान हुआ।
इसके बाद भी खुदरा निवेशकों की भागीदारी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। मूल्य के लिहाज से एनएसई कंपनियों में खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी दिसंबर तिमाही में बढ़कर 18.98 लाख करोड़ रुपये हो गई।
यह सितंबर तिमाही के 18.16 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 4.54 फीसदी ज्यादा है।
खुदरा निवेशक छोटी कंपनियों को पसंद करते हैं
आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर तिमाही के दौरान एनएसई की 871 कंपनियों में खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़ी है। इस दौरान इन कंपनियों के शेयरों में औसतन 15.51 फीसदी की तेजी आई है।
वहीं 759 कंपनियों के शेयर जिनमें खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी घटी है, इस दौरान 20.35 फीसदी की तेजी आई है. खुदरा निवेशक मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियों को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं।