केंद्र को तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन रविवार को भी जारी है, प्रदर्शन के चौथे दिन किसान दिल्ली के तीन बॉर्डर पर डटे हुए हैं।
संजय राउत ने कहा कि जिस तरह से किसानों को दिल्ली में आने से रोका गया है, ऐसा लगता है कि वे देश के नहीं, बल्कि बाहर के किसान हैं।
उनके साथ आतंकवादियों जैसा बर्ताव किया जा रहा है। इस तरह का बर्ताव करना देश के किसानों का अपमान करना है।वहीं इस बीच कई नेताओं ने किसानों के इस आंदोलन का समर्थन किया है और केन्द्र सरकार की आलोचना की है।
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि किसानों के साथ आतंकियों जैसा बर्ताव किया जा रहा है।
The way farmers have been stopped from entering Delhi, it looks like as if they don’t belong to this country. They have been treated like terrorists. Since they are Sikh&have come from Punjab&Haryana, they’re being called Khalistani. It is insult to farmers:Sanjay Raut, Shiv Sena pic.twitter.com/XaE529oZUL
— ANI (@ANI) November 29, 2020
राउत के इस बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा के शाहनवाज़ हुसैन ने कहा कि किसानों की चिंता हम करते हैं और करते रहेंगे। किसान हमारे दिल में बसते हैं, किसानों को भड़काने का काम कोई ना करें।
हम जो फैसला लेते हैं वो किसानों के हित में होता है। लोगों के बीच गलतफहमी पैदा की जा रही है, हमारी अपील है कि वो गलतफहमी के शिकार ना हो।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों का रविवार को समर्थन करते हुए केंद्र सरकार को इन कानूनों पर पुनर्विचार करने की सलाह दी।
मायावती ने ट्वीट किया कि पूरे देश में किसान केंद्र सरकार द्वारा कृषि से संबंधित हाल में लागू किये गये तीन कानूनों को लेकर काफी नाराज हैं और इनके खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।
न्होंने ट्वीट कर कहा कि केंद्र सरकार किसानों की आम सहमति के बिना बनाये गये इन कानूनों पर अगर पुनर्विचार कर ले, तो बेहतर होगा।
बसपा के अलावा समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस समेत उत्तर प्रदेश में कई प्रमुख राजनीतिक दलों ने किसानों के आंदोलन का समर्थन किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए पत्रकारों से कहा कि किसानों पर इस तरह की लाठी किसी ने नहीं चलाई होगी।
इस तरह का आतंकी हमला किसी सरकार ने नहीं किया होगा, जैसा भाजपा की सरकार में हो रहा है। ये वही लोग हैं, जिन्होंने किसानों से कहा था कि वे सत्ता में आने पर उनके सिर्फ कर्ज माफ नहीं करेंगे बल्कि पैदावार की कीमत देंगे और आय दोगुनी कर देंगे, लेकिन जबसे भाजपा सरकार आई है, तब से सबसे ज्यादा गरीब और किसान बर्बाद हुए हैं।
आपको बता दें कि पंजाब और हरियाणा से बड़ी संख्या में किसान केंद्र द्वारा पास किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन करने के लिए आ रहे हैं।
इस दौरान दिल्ली बॉर्डर पर किसानों पर वाटर कैनन और आसूं गैस के गोले दागकर उन्हें रोकने की कोशिश की गई। कई जगहों पर बोल्डर रखकर और गढ्ढे खोदकर भी किसानों को रोकने की कोशिश की गई थी लेकिन किसान नहीं माने।
फिलहाल उन्हें कई शर्तों के साथ दिल्ली के बुराड़ी इलाके में प्रदर्शन की इजाजत दी गई है लेकिन किसान मानने को तैयार नहीं हैं। फिलहाल वे अपनी मांगों के साथ सिंघु बॉर्डर पर ही जमे हुए हैं।