Tribute to Lata Mangeshkar | स्वर कोकिला लता मंगेशकर नहीं रहीं | अंतिम दर्शन करने मुंबई जाएंगे पीएम मोदी, 6.30 बजे अंतिम संस्कार

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Tribute to Lata Mangeshkar | Swara Kokila Lata Mangeshkar is no more. PM Modi will go to Mumbai to pay his last rites at 6.30 pm

Tribute to Lata Mangeshkar : स्वर कोकिला और भारत रत्न से सम्मानित लता मंगेशकर का रविवार की सुबह मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। वह 92 साल की थीं।

उन्हें कोरोना संक्रमण के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उनके निधन की पुष्टि की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि लता मंगेशकर जी का जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है।

लता मंगेशकर की आवाज में था गजब का जादू

लता को श्रद्धांजलि: जब लता मंगेशकर का गाना सुन रो पड़े थे पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, ऐसा था इस गाने में दर्द

लता मंगेशकर की आवाज में था गजब का जादू लता मंगेशकर का गाना ‘ए मेरे वतन के लोग’ सुनकर पंडित जवाहरलाल नेहरू रो पड़े। उनके कहने पर लता ने उन्हें यह गाना फिर से गाया। इस गाने में दर्द था। यह दर्द भारत और चीन के बीच युद्ध में शहीद हुए जवानों को भी श्रद्धांजलि थी।

लता मंगेशकर को भारत रत्न, पद्म विभूषण, पद्म भूषण और दादासाहेब फाल्के जैसे अनगिनत पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। वह हिंदी फिल्मों के लिए पार्श्व गायन करने वाली भारतीय सिनेमा की एक आइकन थीं।

उन्होंने मराठी और बंगाली सहित कई क्षेत्रीय भाषाओं में भी गाया। लता मंगेशकर एक प्रमुख संगीत परिवार से ताल्लुक रखती थीं।

13 साल की थीं Lata Mangeshkar तब पिता का हो गया था निधन, गाना गाकर पूरे परिवार को संभाला | lata mangeshkar birthday special,know her unknown facts and features. | E24 Bollywood

उन्होंने संगीत भी तैयार किया और कुछ फिल्मों का निर्माण भी किया। वह लोकप्रिय रूप से ‘भारत की कोकिला’ के रूप में जानी जाती थीं।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है, ‘लता जी का निधन मेरे लिए हृदयविदारक है, जैसा कि दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए है। उनके गीतों की विशाल श्रृंखला में, भारत के सार और सुंदरता को प्रस्तुत करने वाले पीढ़ियों ने अपनी आंतरिक भावनाओं की अभिव्यक्ति पाई। भारत रत्न, लता जी की उपलब्धियां अतुलनीय रहेंगी।’

उनके निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है, ‘मैं शब्दों से परे दर्द में हूं। दयालु और देखभाल करने वाली लता दीदी हमें छोड़कर चली गई हैं।

उन्होंने हमारे देश में एक खालीपन छोड़ा है जिसे भरा नहीं जा सकता। आने वाली पीढ़ियां उन्हें भारतीय संस्कृति के एक ऐसे दिग्गज के रूप में याद करेंगी, जिनमें अपनी सुरीली आवाज से लोगों को मंत्रमुग्ध करने की अद्वितीय क्षमता थी।

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गडकरी आज लता मंगेशकर से मिलने अस्पताल गए थे। उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट किए। उन्होंने कहा, ‘उनकी आवाज ने 30 हजार से ज्यादा गाने गाकर संगीत जगत को आशीर्वाद दिया है। लता दीदी बेहद शांत स्वभाव और प्रतिभा की धनी थीं।

उन्होंने कहा कि लता जी हमेशा हम सभी के लिए अच्छे कामों की प्रेरणा रही हैं और भारतीय संगीत में उनका योगदान अतुलनीय है।

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राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘लता मंगेशकर जी के निधन का दुखद समाचार मिला। वह कई दशकों तक भारत की सबसे प्रिय आवाज़ बनी रहीं।

उनकी सुनहरी आवाज़ अमर है और उनके प्रशंसकों के दिलों में गूंजती रहेगी। उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।’

वह अमर हैं – राज्यसभा के उपसभापति

लता मंगेशकर जी की वाणी अनंत काल तक रहेगी। वह भारत का गौरव थीं और उन्हें भारत रत्न से दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उनके गानों की वजह से फिल्में हिट हुआ करती थीं। वह अमर हैं: हरिवंश, राज्यसभा के उपसभापति

1929 में जन्मीं लता मंगेशकर पांच भाई-बहनों में सबसे बड़ी थीं। इनमें गायिका आशा भोसले भी थीं, जो आईसीयू में ले जाने के बाद अस्पताल में मंगेशकर से मिली थीं।

उनके पिता एक शास्त्रीय संगीतकार पंडित दीनानाथ मंगेशकर थे। 1942 में जब उनके पिता की मृत्यु हुई, तो 13 वर्षीय लता मंगेशकर ने संगीत में अपना करियर शुरू किया।

उन्होंने मराठी फिल्मों में एक्टिंग के साथ-साथ सिंगिंग का भी काम किया। 1945 में, मंगेशकर ने मधुबाला अभिनीत फिल्म महल का ‘आयेगा आने वाला’ गाना हिट किया। वहीं से लता मंगेशकर की आवाज और करियर ने ऊंचाइयों को छुआ।

लता मंगेशकर ने बैजू बावरा, मदर इंडिया और मुगल-ए-आज़म, शंकर-जयकिशन की मधुर हिट बरसात और श्री 420 जैसी फ़िल्मों में गाने गाए।

मधुमती में सलिल चौधरी के मधुर गीतों ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का फिल्मफेयर पुरस्कार दिलाया। लता मंगेशकर के नाम परिचय, कोरा कागज़, पाकीज़ा, अभिमान, अमर प्रेम, आँधी, सिलसिला, चांदनी, सागर, रुदाली और दिलवाले दुल्हनिया जैसी सफल फ़िल्में शामिल हैं।

क्लासिक हिंदी फिल्मों में ‘मुगल आजम’

के शामिल होने का एक कारण लता मंगेशकर की आवाज भी है, जिन्होंने न केवल ऑनस्क्रीन बल्कि ऑफस्क्रीन भी दर्शकों को कहानी के दर्द से जोड़े रखा। दो, ओ सरकार मदीना इसके गायन के लिए विशेष मानी जाती है।

जंजिरों में जकड़े में मधुबाला की विशेषता, गीत शकील बदायुनी द्वारा लिखा गया था और संगीत नौशाद ने दिया था।

कैलाश खेर ने दी श्रद्धांजलि 

लता मंगेशकर को खिलाड़ी ऐसे देंगे श्रद्धांजलि
भारत बनाम वेस्ट इंडीज के पहले ओडीआई में लता मंगेशकर के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए रोहित की अगुवाई वाली टीम काले रंग की पट्टी बांधकर खेलेगी।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने दी श्रद्धांजलि 

मनोज मुंतशिर ने जताया शोक

शाम 5 बजे मुंबई के लिए रवाना होंगे पीएम मोदी
सूत्रों के मुताबिक शाम पांच बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुंबई के लिए रवाना होंगे। लाता मंगेशकर को अंतिम विदाई देने के लिए पीएम शाम 6.30 बजे शिवाजी पार्क पहुंचेंगे।

नहीं जारी हुआ बीजेपी का घोषणापत्र

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, सीएम आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केपी मौर्य और यूपी बीजेपी प्रमुख स्वतंत्र देव सिंह ने लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि देने के लिए 2 मिनट का मौन रखा। लता मंगेशकर के निधन के कारण उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने घोषणापत्र जारी नहीं किया।

उनका निधन पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति – लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला 

मैं ‘स्वारकोकिला’ भारत रत्न लता मंगेशकर जी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करता हूं। उनके गीतों ने दुनिया भर के लोगों को भाषा की बाधाओं को तोड़ते हुए भारत से जोड़ा। उनका निधन पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति है।

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने व्यक्त किया शोक

खास शख्सियत थीं लता जी – कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद

कुछ व्यक्तित्व एक हजार साल में एक बार ही जन्म लेते हैं। लता जी ऐसी ही एक शख्सियत थीं। हमारे देश में कोई भी व्यक्ति उनके संगीत से अछूता नहीं है। उनकी आवाज से हर शख्स मंत्रमुग्ध हुआ है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने जताया शोक