UP Election 2022 : दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय से बड़ी खबर आ रही है। केंद्रीय चुनाव समिति की चल रही बैठक यहां समाप्त हो गई है।
इसमें पहले, दूसरे और तीसरे चरण की 172 विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक चुनाव समिति ने इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अयोध्या से चुनाव लड़ने की मंजूरी दे दी है।
इसी तरह, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य कौशांबी की सिराथू विधानसभा से और डॉ. दिनेश शर्मा लखनऊ सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।
आज शाम या कल तक नामों की घोषणा कर दी जाएगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, नितिन गडकरी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा, प्रदेश प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान समेत कई बड़े नेताओं ने शिरकत की थी। बताया जाता है कि आज शाम या कल तक सभी प्रत्याशियों के नामों का एलान हो जाएगा।
60 विधायकों के टिकट कटने की चर्चा
पार्टी सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने 60 सीटों के पहले तीन चरणों में मौजूदा विधायकों के टिकट काटने का फैसला किया है। यही कारण है कि कई विधायक और मंत्री मौका देखते ही दूसरी पार्टियों में जाने लगे हैं।
अमित शाह से मिले अनुप्रिया पटेल और संजय निषाद
ताजा जानकारी के मुताबिक, अपना दल की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद और उनके बेटे प्रवीण निषाद ने बुधवार रात दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सीट बंटवारे पर चर्चा की। हालांकि दोनों पार्टियों के नेता अभी सीटों को लेकर कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं।
विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि अनुप्रिया ने अवध और बुंदेलखंड में आधा दर्जन सीटों सहित दो दर्जन सीटों पर दावा किया है, जबकि संजय निषाद ने भी दस से अधिक सीटों की मांग की है।
दोनों पार्टियों के नेताओं का कहना है कि उन्होंने अमित शाह के सामने अपनी बात रखी है। एक-दो दिन में सीटों पर स्थिति साफ होने की उम्मीद है।
जाटों को मिल सकता है पहले से ज्यादा टिकट
विधानसभा चुनाव में पश्चिमी यूपी में सपा और रालोद गठबंधन की धार कुंद करने के लिए बीजेपी 2017 के मुकाबले जाट समुदाय के नेताओं को ज्यादा टिकट देगी।
2017 में पार्टी ने सरदार बलदेव सिंह औलख समेत 16 जाट उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था। इनमें बागपत की छपरौली सीट और संभल की असमौली सीट हार गई। जबकि बाकी 14 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की।
2018 में छपरौली से रालोद के इकलौते विधायक सहेंद्र सिंह भी बीजेपी में शामिल हो गए। सूत्रों के मुताबिक पिछली बार पार्टी ने गुर्जर समाज को चार टिकट दिए थे। इस बार गुर्जर समुदाय को एक-दो सीटें और भी मिल सकती हैं।
जाटव समाज को भी होगा फायदा
बसपा के जाटव वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए बीजेपी जाटव समुदाय को पहले से ज्यादा सीटें दे सकती है। 2017 में बीजेपी ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 85 सीटों में से 20 सीटों पर जाटव समुदाय के लोगों को टिकट दिया था।
यहां बता दें कि जाटव वोट बैंक को संतुष्ट करने के लिए भाजपा ने इस्तीफा देकर उत्तराखंड की राज्यपाल बेबीरानी मौर्य को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। बीजेपी ने अनुसूचित जाति बहुल इलाकों में करीब 90 बैठकें और बेबीरानी की सभाएं भी आयोजित की हैं।