नई दिल्ली : बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा को इस बार यूपी विधानसभा चुनाव में कम से कम 15-20 मुस्लिम उम्मीदवारों की उम्मीद थी।
हालांकि बीजेपी ने यूपी के लिए 107 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी कर दी है, लेकिन एक भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं है।
अल्पसंख्यक मोर्चा को अब भी उम्मीद है कि आने वाली सूची में मुस्लिम उम्मीदवार जरूर होंगे। वहीं अल्पसंख्यक मोर्चा मुस्लिम समाज को समझा रहा है कि राजनीति भावनाओं से नहीं होती, इसलिए भावुक न हों और रणनीति देखें।
आगामी सूची में होंगे मुस्लिम उम्मीदवार
बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने एनबीटी से बात करते हुए कहा कि मुझे उम्मीद है कि आने वाली सूचियों में मुस्लिम उम्मीदवार होंगे।
उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी की ओर से एक भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं था लेकिन ऐसा नहीं हुआ कि मुस्लिम समाज को सत्ता में भागीदारी नहीं मिली।
बीजेपी ने मोहसिन रजा को बनाया एमएलसी और मंत्री। सिद्दीकी ने कहा कि आलाकमान ने हमें आश्वासन दिया है कि मुस्लिम समाज को बराबरी का मौका मिलेगा।
15-20 लोगों को टिकट मिलने की उम्मीद
उन्होंने कहा कि हम उम्मीद कर रहे थे कि इस बार यूपी में मुस्लिम समाज के कम से कम 15-20 लोगों को टिकट मिलेगा क्योंकि हमारे कार्यकर्ता मजबूत हैं।
हमारा आकलन था कि पश्चिमी यूपी में 4-5 सीटें मिलेंगी लेकिन वहां के लिए उम्मीदवारों का फैसला हो गया है। अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष ने कहा कि हालांकि हमें अब भी उम्मीद है कि आने वाली सूची में मुस्लिम उम्मीदवारों के नाम होंगे।
राजनीति भावनाओं से नहीं रणनीति से चलती है
क्या मुस्लिम समाज के लोग आपसे सवाल नहीं पूछते कि उन्हें टिकट क्यों नहीं मिलता? इस सवाल पर जमाल सिद्दीकी ने कहा कि मैं अपने कार्यकर्ताओं और समाज के लोगों से अपील कर रहा हूं कि इस मुद्दे को भावनात्मक रूप से न देखें। राजनीति में भावनाओं का कोई स्थान नहीं है।
राजनीति रणनीति के अनुसार चलती है। सरकार ऐसी होनी चाहिए जो सबके लिए काम करे। लेकिन उम्मीदवारों का फैसला रणनीति के तहत किया जाता है।
उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी कि मुस्लिम समाज के लोगों को पूरा मौका मिले। लेकिन अगर चुनाव में कोई मौका नहीं है, तो कई समितियां हैं जहां मौका होगा।
सिद्दीकी ने कहा कि कई लोग हमारे कार्यकर्ताओं को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन हमारे कार्यकर्ता समझदार हैं।