Uttar Pradesh Assembly Election 2022 : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या से चुनाव लड़ेंगे ऐसा कयास लगाए जा रहे था। लेकिन जब शनिवार को भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पहली सूची जारी की तो योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर शहर विधानसभा सीट से मैदान में उतारा गया।
इसके बाद अखिलेश यादव ने यह भी तंज कसा कि चुनाव से पहले ही बीजेपी ने योगी को उनके घर का रास्ता दिखा दिया है. वहीं, योगी ने पलटवार करते हुए कहा, ‘बबुआ न घर के रहेंगे ना घाट के।’
बीजेपी के विपक्षी दल भी यह कहकर तंज कस रहे हैं कि योगी को पता चल गया था कि अयोध्या में उनकी जीत पक्की नहीं है. इसलिए वह अपनी सीट बचाने के लिए गोरखपुर से चुनाव लड़ेंगे।
इस मामले में जब एक टीवी चैनल की रिपोर्टरने लोगों से बात करने अयोध्या पहुंची तो वहां मौजूद एक संत ने भी आशंका जताई कि योगी अयोध्या से चुनाव हार सकते हैं।
बता दें कि इससे पहले कुछ संतों ने योगी से अयोध्या में आकर चुनाव लड़ने की अपील भी की थी। एबीपी गंगा से बात करते हुए एक संत ने कहा, ‘योगी आदित्यनाथ महाराज ने जमीनी हकीकत पता की होगी। सर्वे किया गया होगा। हकीकत यह है कि यहां पर दीपक जलाने के अलावा कुछ किया नहीं गया। फैजाबाद शहर में मुस्लिम वोटर बहुत हैं। ग्रामीण क्षेत्र भी विधानसभा में आता है।’
उन्होंने कहा, ‘केवल संतों के वोट से योगी का भला नहीं होना था। यहां पर उनका ममता बनर्जी वाला हाल हो सकता था। अच्छी बात है कि योगी जी अपनी सुरक्षित सीट पर चले गए हैं। संत समाज इस बात की मांग कर रहा था। संतों की बहुत सारी अपेक्षाएं थीं। ट्रस्ट से चल रहा राम मंदिर का काम भी योगी जी ले रहे हैं।’
वहीं पास में मौजूद एक संत ने कहा कि यह बात जो कह रहे हैं, वे सपा से संबंधित हैं। उन्होंने कहा, ‘इनकी टोपी बताती है कि ये सपा से हैं। अयोध्या का हर संत योगी आदित्यनाथ है। यहां से सपा साथ है।’
वहीं मौजूद कुछ लोगों ने कहा, भाजपा का सवाल नहीं है, सवाल है यहां राम जी के नाम का। इसविचार का समर्थन करने वाले लोग भाजपा को वोट देते रहे हैं। योगी की गोरखपुर में तीन पीढ़ियों की विरासत है।
वहां मौजूद एक शख्स ने कहा कि पवन पांडेय के सामने योगी आदित्यनाथ टिक नहीं पाते इसीलिए वह गोरखपुर चले गए। कुछ लोगों ने कहा, भारतीय जनता पार्टी की आलाकमान भी परेशान है कि अयोध्या की जनता का समर्थन क्यों नहीं मिल रहा है।