Uttar Pradesh News: UP ATS को आज बड़ी सफलता हाथ लगी है। ATS ने लखनऊ से अलकायदा के इंडियन सबकॉन्टिनेंट से जुड़े संदिग्धों की गिरफ़्तारी की है।
एटीएस ने इस मामले में कुल 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यूपी एटीएस को जानकारी हाथ लगी है कि ये लोग गज़बा-ए-हिन्द की स्थापना के उद्देश्य से भर्ती के काम में लगे थे। इतना ही नहीं इस मिशन के लिए चंदे के नाम पर टेरर फंडिग भी हो रही थी।
चंदे के नाम पर कर रहे थे टेरर फंडिंग
यूपी एटीएस ने बांग्लादेशी आतंकवादी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश और अल-कायदा भारतीय उपमहाद्वीप से जुड़े 8 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तारी के दौरान संदिग्ध आतंकियों के पास से ढाई लाख रुपये की नकदी भी बरामद की है। जानकारी मिली है कि गिरफ्तार किये गए संदिग्धों में से पांच उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले हैं।
इनमें से एक झारखंड का रहने वाला है, एक उत्तराखंड और एक संदिग्ध बांग्लादेश का निवासी है। ये सभी संदिग्ध चंदे के नाम पर टेरर फंडिंग में लगे हुए थे।
गजवा-ए-हिंद के लिए भर्ती का था जिम्मा
यूपी ATS ने इन संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद बड़ा खुलासा किया है। ATS की जांच में ये सामने आया है गिरफ्तार किये गए सभी 8 आतंकी अलकायदा से जुड़े थे।
ये लोग गजवा-ए-हिंद के मकसद को पूरा करने के लिए नए लड़कों को भर्ती कराने के काम में लगे हुए थे। ATS ने इन सभी संदिग्धों की तस्वीरें भी जारी की हैं। ये लोग उत्तर प्रदेश में गजवा-ए-हिंद के लिए चंदे के नाम पर टेरर फंडिंग कर रहे थे।
कट्टरपंथी विचारधारा वालों को जोड़ रहे थे
ATS की पड़ताल में सामने आया है कि गजवा-ए-हिंद के लिए ये लोग देश में अवैध घुसपैठ कर सबसे पहले सीमावर्ती राज्यों पश्चिम बंगाल, असम आदि में अपनी जड़ें मजबूत करने में लगे थे और कट्टरपंथी विचारधारा वाले लोगों को खुद से जोड़ रहे थे।
ये संदिग्ध उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में कट्टरपंथी विचारधारा वाले लोगों को साथ जोड़कर फंड जुटा रहे थे और जिहाद के लिए ब्रेन वॉश कर रहे थे।