Vat Savitri Vrat Puja Niyam : वट सावित्री व्रत 30 मई को मनाया जाएगा, यह व्रत ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन रखा जाता है. यह व्रत विवाहित महिलाएं करती हैं।
इस दिन वह वट सावित्री की कथा सुनती हैं, उनकी पूजा करती हैं, सोलह श्रृंगार करती हैं। वट सावित्री के दिन बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है, इसलिए इसे वट सावित्री कहा जाता है।
ऐसा माना जाता है कि इस दिन सावित्री ने अपने पति सत्यवान के जीवन को यमराज से वापस लाने के लिए यह व्रत रखा था। इसलिए विवाहित महिलाएं यह व्रत रखती हैं।
इसी दिन है शनि जयंती भी
वट सावित्री व्रत के दिन शनि जयंती भी मनाई जाती है। इस बार सोमवती अमावस्या भी इसी दिन पड़ रही है। इसलिए इस दिन विधि-विधान से की गई पूजा और भक्ति भाव से किया गया व्रत कई गुना अधिक फल देता है। इस दिन शनि देव के प्रकोप से मुक्ति पाने के उपाय करने से भी काफी लाभ मिलेगा।
वट सावित्री के दिन रखें इन बातों का ध्यान
- जो महिलाएं वट सावित्री का व्रत रखती हैं उन्हें इस दिन गलती से भी काले, सफेद या नीले रंग की साड़ी नहीं पहननी चाहिए। बल्कि हरे, पीले, लाल या नारंगी रंग के मीठे रंग पहनें।
- अगर आप पहली बार वट सावित्री व्रत कर रहे हैं तो पहला व्रत अपने मायके में करें। ऐसा करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा सुहाग की सभी चीजें मातृ पक्ष की ओर से भी धारण करनी चाहिए।
- वट सावित्री के व्रत में या तो फल ही खाएं। ऐसा पूजा के बाद ही करें। इसके अलावा वह पूजा के बाद पूजा के लिए वट वृक्ष पर चढ़ायी गयी चीजों का भी सेवन कर सकती हैं।
- अगर आप बिना खाना खाए व्रत नहीं रख पा रहे हैं तो सात्विक खाना ही खाएं। गलती से भी लहसुन, प्याज, हींग, मसाले का सेवन न करें।
- व्रत रखने वाली महिलाओं को न तो किसी से झगड़ा करना चाहिए और न ही किसी से अपशब्द कहना चाहिए।