जब दलितों के लिए ही लड़ना है तो मायावती के साथ चुनाव क्यों नहीं लड़ते? भीम आर्मी चीफ चंद्र शेखर ने दिया ये जवाब

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भीम आर्मी चीफ चन्द्र शेखर गोरखपुर से योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनावी ताल ठोक रहे हैं। चन्द्र शेखर खुद को पिछड़ों, दलितों, गरीबों और वंचितों का नेता बताते हैं। 

चंद्रशेखर ने अपनी पार्टी आजाद समाज पार्टी का गठबंधन पहले बसपा फिर चुनाव नजदीक आने पर सपा के साथ करने की कोशिश की लेकिन गठबंधन हो नहीं पाया।

अंत में चंद्रशेखर ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया और खुद योगी आदित्यनाथ के खिलाफ गोरखपुर से चुनाव लड़ने उतर पड़े हैं।

ABP गंगा न्यूज चैनल के कार्यक्रम ‘कार में सरकार’ में जब चन्द्र शेखर से सवाल पूछा गया कि जब आप भी गरीबों, दलितों, वंचितों और पिछड़ों की राजनीति करते हैं तो मायावती के साथ गठबंधन क्यों नहीं कर लिया?

मिलकर चुनाव क्यों नहीं लड़ा? इसके जवाब में चन्द्रशेखर ने कहा कि ये लोग जो मेरे समर्थन में खड़े हैं, इनसे बात करनी पड़ेगी। मायावती से मिलना इतना आसान है तो आप जाकर इंटरव्यू ले लो”।

चंद्र शेखर ने कहा कि मैंने तो बहुत प्रयास किया, मुझसे ज्यादा कोई नहीं झुक सकता।

दो साल तक मैंने लगातार प्रयास किया।इसके बाद उन्होंने कह दिया है कि हमारा वो कुछ लगता ही नहीं है। आप प्रयास करके थक जाओ और आपके पिता कह दें कि ये मेरा बेटा ही नहीं है तो आप क्या करोगे।

स्वाभिमान और सम्मान के खिलाफ मैं कोई कार्य नहीं करता। अखिलेश यादव से दो-दो घंटे बात हुई थी, वो इसे भी झूठ बोल सकते हैं।

बता दें कि चंद्र शेखर आजाद चुनाव से पहले अखिलेश यादव से गठबंधन को लेकर मुलाकात कर चुके हैं लेकिन सीट बंटवारे को लेकर बात नहीं बनी और गठबंधन नहीं हो पाया।

इसके बाद चन्द्र शेखर भावुक हो गए थे और कहा था कि अगर वो (अखिलेश यादव) अपना छोटा भाई मानकर समर्थन मांग लेते तो मैं उन्हे समर्थन दे देता लेकिन स्वाभिमान और सम्मान के खिलाफ जाकर मैं राजनीति नहीं कर सकता।

आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्र शेखर आजाद गोरखपुर शहर सीट चुनाव लड़ने जा रहे हैं। इसी सीट से योगी आदित्यनाथ भी चुनाव लड़ रहे हैं।

चंद्रशेखर का कहना है कि उत्तराखंड से यूपी आकर योगी आदित्यनाथ चुनाव लड़ सकते हैं तो मैं तो यूपी का ही हूं। मैं गोरखपुर से चुनाव क्यों नहीं लड़ सकता?