पंजाब विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) ने कमाल कर दिया है। पंजाब में आप एक बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। 92 सीटों पर जीत के साथ सत्ता में आए।
पंजाब के संगरूर से दूसरी बार सांसद बने भगवंत मान को पार्टी पहले ही मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बना चुकी है। 2017 के विधानसभा चुनाव में आप को सत्ता नहीं मिली लेकिन वह मुख्य विपक्षी दल बन गई।
दिल्ली के बाद पंजाब दूसरा राज्य होगा जहां आम आदमी पार्टी सरकार बनाने जा रही है, हालांकि पार्टी ने गोवा और उत्तराखंड में भी चुनाव लड़ा है।
लेकिन उत्तराखंड में जहां आप का खाता नहीं खुला वहीं रुझानों में गोवा में आप को सिर्फ दो सीटें मिली हैं। पंजाब में जीत के साथ ही आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी बनने जा रही है या नहीं, इसकी चर्चा शुरू हो गई। आइए समझते हैं कि एक राष्ट्रीय पार्टी क्या है और इसे कैसे मान्यता दी जाती है।
कितने तरह की होती हैं पार्टियां?
देश में तीन तरह की पार्टियां हैं। राष्ट्रीय, राज्य स्तर और क्षेत्रीय दल। देश में राष्ट्रीय दलों की बात करें तो यह केवल सात है। 35 राज्य स्तरीय दल हैं और 350 से अधिक क्षेत्रीय दल हैं।
राष्ट्रीय दल का निर्माण कैसे होता है?
राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा भारत के चुनाव आयोग द्वारा दिया जाता है। इसके लिए तीन शर्तें तय की गई हैं। जो भी दल इनमें से किसी भी शर्त को पूरा करता है, उसे राष्ट्रीय दल का दर्जा दिया जाता है।
राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए तीन शर्तें क्या हैं?
- पहली शर्त – तीन राज्यों के लोकसभा चुनाव में किसी भी पार्टी ने 2 फीसदी सीटें जीती हैं।
- दूसरी शर्त – 4 लोकसभा सीटों के अलावा, एक पार्टी को लोकसभा में 6 प्रतिशत वोट या चार या अधिक राज्यों के विधानसभा चुनाव में कम से कम 6 प्रतिशत वोट हासिल करने चाहिए।
- तीसरी शर्त – एक पार्टी को चार या अधिक राज्यों में क्षेत्रीय पार्टी के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए।
राष्ट्रीय पार्टी बनने के क्या लाभ हैं?
अगर कोई पार्टी राष्ट्रीय पार्टी बन जाती है, तो उसके कई फायदे होते हैं। पार्टी को पूरे देश में एक आरक्षित चुनाव चिह्न मिलता है। नामांकन दाखिल करने के लिए उम्मीदवारों के प्रस्तावकों की संख्या बढ़ सकती है। इसके साथ ही नेशनल मीडिया पर फ्री एयरटाइम मिलता है।
देश में कितने राष्ट्रीय दल हैं?
देश के राष्ट्रीय दल भाजपा, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और तृणमूल कांग्रेस हैं।