नई दिल्ली। टेरर फंडिंग मामले (Terror Funding Case) में दोषी आंतकी यासीन मलिक (Yasin Malik) को एनआइए की विशेष अदालत (NIA Special Court) ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
मिडीया रिपोर्टके मुताबिक यासीन द्वारा अपने खिलाफ लगाए गए सभी आरोप स्वीकार करने के बाद एनआइए के स्पेशल कोर्ट ने उसे दोषी ठहराया।
हुर्रियत नेता और प्रतिबंधित संगठन जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के प्रमुख को 2017 के आतंकी फंडिंग मामले में अदालत ने गुरुवार को दोषी ठहराया था।
इन 9 मामलों में यासीन को सुनाई गई सजा
अधिवक्ता उमेश शर्मा ने बताया कि यासीन मलिक को दो बार उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। उसे 9 मामलों में सजा सुनाई गई है।
- UAPA की धारा- 13 के तहत पांच साल।
- UAPA की धारा-15 और 16 (आतंकवादी अधिनियम) के तहत दस साल की सजा।
- UAPA की धारा-18 (आतंकवादी कृत्य करने की साजिश) के तहत दस साल की सजा और दस हजार का जुर्माना।
- UAPA की धारा-20 (आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होना) के तहत दस साल की सजा और दस हजार का जुर्माना।
- UAPA की धारा-38 और 39 के तहत पांच साल की सजा व पांच साल का जुर्माना।
- IPC की धारा-120B (आपराधिक साजिश) के तहत दस साल की सजा और दस हजार का जुर्माना।
- IPC की धारा-121A (राष्ट्र के विरुद्ध युद्धोन्माद फैलाना) के तहत दस साल की सजा व दस हजार का जुर्माना।
- IPC की धारा 121A (देशद्रोह) के तहत दस साल की सजा।
अराजकतत्वों पर सुरक्षाबलों की नजर
यासीन मलिक को हवालात से कोर्ट लाया गया है। यासीन मलिक को कभी भी फांसी अथवा उम्र कैद की सजा का ऐलान हो सकता है।
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोर्ट में मीडिया के साथ ही अन्य लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसके साथ ही कश्मीर में यासीन मलिक के घर के बाहर उसके समर्थकों द्वारा नारेबाजी करने और पथराव करने की सूचना है।
सूचना है के पुलिस ने घर के बाहर भीड़ को तीतर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े हैं। फिलहाल, यासीन मलिक के समर्थकों और अन्य असामाजिक तत्वों पर सुरक्षा बलों की नजर है। सुरक्षा बलों का दावा है कि माहौल खराब करने वाले लोगों को किसी भी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा।
‘फांसी मंजूर, नहीं मांगूंगा माफी’
यासीन मलिक ने कहा कि अगर मैं 28 साल में किसी आतंकवादी गतिविधि या हिंसा में शामिल रहा हूं। अगर भारतीय खुफिया एजेंसी यह साबित कर देती है तो मैं भी राजनीति से संन्यास ले लूंगा।
मैं फांसी स्वीकार करूंगा, मैं माफी नहीं मांगूंगा। मैंने सात प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है। बता दें कि यासीन मलिक के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने टेरर फंडिंग मामले में फांसी की सजा की मांग की है।
कड़ी सुरक्षा में कोर्ट ले जाया गया यासीन मलिक
यासीन मलिक को कड़ी सुरक्षा में एनआइए के स्पेशल कोर्ट ले जाया जा रहा है। यासीन के आसपास सुरक्षाबलों का सख्त पहरा है। कोर्ट परिसर में भी सुरक्षा कड़ी की गई है। थोड़ी देर में उसकी सजा पर फैसला सुनाया जाएगा।
यासीन मलिक ने गृहमंत्री की बेटी को किया था अगवा
टेरर फंडिंग मामले में दोषी आतंकी यासीन मलिक के अपराधों का इतिहास काफी पुराना है। यासीन मलिक ने पाकिस्तान के आतंकियों से मिलकर कई बड़ी वारदातों का अंजाम दिया था।
साल 1989 वीपी सिंह की सरकार में मुफ्ती मोहम्मद सईद गृह मंत्री थे। उस समय श्रीनगर में तीन आतंकियों ने मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद को बस से अगवा कर लिया था।
तभी यासीन मलिक ने सरकार के सामने पांच आतंकियों की रिहाई की शर्त रखी थी। यासीन की पाकिस्तान के आतंकियों से संबंध काफी पुराने थे और सरकार को यासीन की शर्त मानने के लिए विवश होना पड़ा।
इन आरोपों को यासीन ने स्वीकारा
टेरर फंडिंग मामले में 10 मई को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के सभी आरोपों को मलिक ने स्वीकार कर लिया था।
मलिक ने अदालत से कहा था कि वह उस पर लगाए गए आरोपों का सामना नहीं करना चाहता है। मलिक को आतंकी कृत्य के लिए धन जुटाने, साजिश रचने, आतंकवादी संगठन का सदस्य होने, देश के खिलाफ युद्धोन्माद फैलाने और राजद्रोह सहित अन्य अपराध के लिए दोषी ठहराया गया था।
कोर्ट में पेशी से पहले हुई जांच
यासीन मलिक की कोर्ट में पेशी से पहले उसको सख्त जांच से गुजारा गया। डाग स्क्वायड की मदद से उसकी जांच हुई, साथ ही थर्मल स्कैनिंग भी की गई। अदालत जल्द ही यासीन मलिक को सजा सुनाएगी।
एनआइए ने इन आतंकी संगठनों के साथ मिलकर हिंसा फैलाने का लगाया आरोप
एनआइए के अनुसार, विभिन्न आंतकी संगठन जैसे, लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), हिज्ब-उल-मुजाहिदीन (एमएच) जम्मू और कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट (जेकेएलएफ), जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों और नागरिकों पर हमला करके हिंसा को अंजाम दिया।
आरोप लगाया कि 1993 में अलगाववादी गतिविधियों को एक राजनीतिक मोर्चा देने के लिए आल पार्टीज हुर्रियत कान्फ्रेंस (APHC) का गठन किया।
यासीन बोला- तो छोड़ दूंगा राजनीति…
यासीन मलिक के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने टेरर फंडिंग के मामले में फांसी की सजा की मांग की है। इस दौरान यासीन ने कहा कि अगर किसी भी आतंकी गतिविधि या हिंसा में संलिप्त पाया जाता हूं, तो मैं राजनीति से सन्यास ले लूंगा। और किसी भी चीज के लिए भीख नहीं मांगूंगा।
#WATCH | Yasin Malik has been awarded life imprisonment under section 17 UAPA, and a fine of Rs 10 lakhs, sentenced to 10 years of imprisonment under 120B & a fine of Rs 10,000 and other sections of IPC and UAPA…: Advocate Akhand Pratap Singh, court-appointed amicus pic.twitter.com/rn3HDKp729
— ANI (@ANI) May 25, 2022
यासीन मलिक के काले कारनामों की कहानी
- वर्ष 1987 के बाद यासीन मलिक व उसके साथी कश्मीर की आजादी के नारे के साथ कश्मीरी मुस्लिमों को बरगलाने लगे। उन्होंने कश्मीरी हिंदुओं को चुन-चुनकर मारा और उन्हें कश्मीर छोड़ने के लिए मजबूर किया।
- यासीन मलिक ने अपने साथियों संग मिलकर आठ दिसंबर 1989 को तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की छोटी बेटी रूबिया सईद का अपहरण किया था। यह मामला भी अदालत में विचाराधीन है।
- अगस्त 1990 में यासीन मलिक हिंसा फैलाने के विभिन्न मामलों में पकड़ा गया और 1994 में वह जेल से छूटा। जेल से छूटते ही उसने कहा कि वह अब बंदूक नहीं उठाएगा, लेकिन कश्मीर की आजादी के लिए लड़ेगा।
- 1994 में जेल से छूटने के बाद 1998 तक वह कई बार पकड़ा गया और कभी एक माह तो कभी तीन माह बाद जेल से छूटता रहा है।
- अक्टूबर 1999 में यासीन मलिक को पुलिस ने राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में सलिंप्तता के आधार जन सुरक्षा अधिनियम के तहत बंदी बनाया था।
- कुछ समय बाद वह जेल से छूट गया और 26 मार्च 2002 को उसे हवाला से संबंधित एक मामले में पोटा के तहत गिरफ्तार किया गया था।
- वर्ष 2013 में उसने पाकिस्तान में लश्कर के सरगना हाफिज सईद के साथ मिलकर कश्मीर में सुरक्षाबलों पर आम कश्मीरियों के मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाते हुए धरना दिया था।
यासीन मलिक के सताए लोगों ने भी की फांसी की मांग
एनआइए ने यासीन मलिक के लिए फांसी की मांग की है, तो वहीं जम्मू-कश्मीर में यासीन द्वारा सताए लोगों ने भी फांसी की मांग की है।
डाउन टाउन में रहने वाले अब्दुल रशीद ने कहा कि जिम्मेदार यासीन मलिक से आज कानून हिसाब ले रहा है। उसे बार-बार फांसी दी जाए, ताकि दूसरों को भी सबक मिले।
वायुसेना के बलिदानी अधिकारी रवि खन्ना की पत्नी निर्मला खन्ना ही नहीं, यासीन मलिक के इशारे पर कश्मीर में मौत के घाट उतारे गए लोगों के स्वजन का कहना है कि अदालत का फैसला कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद के अंत की शुरुआत है।
पाकिस्तान की मुशाल मलिक से की शादी
वर्ष 2009 में उसने पाकिस्तान की रहने वाली मुशाल मलिक से शादी की। मुशाल मलिक एक चित्रकार है। दोनों की एक बेटी रजिया सुल्तान है, जो वर्ष 2012 में पैदा हुई है।
यासीन पर वायु सेना के जवानों पर हमला करने का गंभीर आरोप
यासीन मलिक पर श्रीनगर में वायु सेना के जवानों पर हमला करने का गंभीर आरोप भी है। दरअसल, यासीन मलिक ने जनवरी 1990 में श्रीनगर में वायु सेना के जवानों पर हमला किया था, जिसमें 50 लोग घायल हो गए थे और कई जवान शहीद हो गए थे।
उस समय सभी लोग एयरपोर्ट के बाहर गाड़ी का इंतजार कर रहे थे। तभी यासीन मलिक ने आंतकियों के साथ मिलकर हमला कर दिया था।
आरोप है कि यासीन के पाकिस्तान के आंतकवादियों से भी ताल्लुकात रहे हैं। इसके अलावा आरोप है कि यासीन मलिक ने कई कश्मीरी पंडितों की भी निर्दयता से हत्या कर दी थी।
यासीन मलिक को दोषी ठहराए जाने पर भड़का पाकिस्तान
कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को दिल्ली की एक अदालत द्वारा जम्मू एवं कश्मीर में आतंकी फंडिंग से संबंधित मामले में दोषी ठहराए जाने पर पाकिस्तान तिलमिला उठा है।
पाकिस्तान ने इस मामले में भारत के प्रभारी राजदूत को विदेश मंत्रालय में तलब कर मलिक के खिलाफ तय किए गए आरोपों पर विरोध जताया। उसकी हरकत से लग रहा है कि यासीन मलिक को लेकर उसे कितनी मिर्ची लगी है।
सजा सुनाए जाने से पहले जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा हुई कड़ी
जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चीफ यासीन मलिक को दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में टेरर फंडिंग मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद आज सजा पर फैसला आने वाला है।
यासिन मलिक को सजा सुनाए जाने के बाद जम्मू में आतंकी बौखलाहट में किसी वारदात को अंजाम ना दें, इसलिए जम्मू व कश्मीर में पुलिस ने शहर व उसके साथ लगते इलाकों में विशेष नाके स्थापित कर सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया है।
एनआइए ने की मौत की सजा की मांग
एनआइए ने अदालत से यासीन मलिक को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की है।अदालत थोड़ी देर में फैसला सुनाएगी। इससे पहले एनआइए के विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह की अदालत में सजा पर जिरह हुई।
सजा सुनाए जाने से पहले जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा हुई कड़ी
जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चीफ यासीन मलिक को दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में टेरर फंडिंग मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद आज सजा पर फैसला आने वाला है।
यासिन मलिक को सजा सुनाए जाने के बाद जम्मू में आतंकी बौखलाहट में किसी वारदात को अंजाम ना दें, इसलिए जम्मू व कश्मीर में पुलिस ने शहर व उसके साथ लगते इलाकों में विशेष नाके स्थापित कर सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया है।
आतंक के लिए फंडिंग करने का है दोषी
एनआईए ने कोर्ट में यह भी जानकारी दी कि हुर्रियत को गठन जम्मू कश्मीर में अलगाववाद और आतंकी घटनाओं की फंडिंग करने के लिए किया जाता रहा है।
#WATCH | Terror funding case: Yasin Malik produced in the courtroom in NIA court, Delhi, ahead of the sentencing order. pic.twitter.com/ymfkN6PK4d
— ANI (@ANI) May 25, 2022
इसके तहत जम्मू कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाओं को अंजाम दिया गया. सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी की गई. स्कूलों को जलाया गया।
सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया और भारत के खिलाफ युद्ध को छेड़ा गया. इन जानकारी के बाद गृह मंत्रालय की ओर से एनआईए को केस दर्ज करने के लिए कहा गया था।
अलगाववादी नेता लोगों को भड़का रहे: NIA
एनआईए ने यह भी जानकारी दी थी कि जांच के दौरान यह पाया गया है कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस और अन्य अलगाववादी नेता आम जनता को भड़का रहे हैं।
खासकर युवाओं को हिंसा करने और सुरक्षाबलों के ऊपर पत्थरबाजी के लिए भड़का रहे थे। यह सब भारत सरकार के खिलाफ जम्मू कश्मीर के लोगों को भड़काने की साजिश के तहत किया जा रहा था।
एनआईए ने साफतौर पर कहा है कि जांच में इस बात के सबूत मिले हैं कि अलगाववादी नेता जम्मू कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए फंड जुटा रहे थे।
इन अलगाववादी नेताओं को पाकिस्तान और पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों व लोकल डोनेशन के जरिए ये फंड मिलते थे।