

गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर पर अहमद मुर्तजा अब्बासी नाम के शख्स ने धारदार हथियार से हमला किया, जिसमें दो पुलिसकर्मी भी घायल हो गए।
सोमवार (4 मार्च 2022) को इस घटना को अंजाम देने वाले मुर्तजा अब्बासी आईआईटी मुंबई का केमिकल इंजीनियर बताए जा रहे हैं।
उसने सैनिकों से 10 मिनट तक लड़ाई की और 4 सैनिकों पर हमला किया। हथियार को गमछे में छिपाकर लाया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस धाम के महंत हैं।
भले ही उसे पागल और सनकी बताकर उसका बचाव किया जा रहा हो, लेकिन पुलिस जांच में यह सामने आया है कि वह शातिर है।
वह आतंकी हमले के लिए तैयार था, जिसका सबूत उसके लैपटॉप और मोबाइल में मिले वीडियो हैं। इन्हे दिखाकर उसका ब्रेनवॉश किया गया।
वह जाकिर नाइक से काफी प्रभावित था और अपने लोन वुल्फ हमले के वीडियो देखता था। उसके मुंबई और नेपाल कनेक्शन की जांच की जा रही है।
उत्तर प्रदेश: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज का दौरा किया और गोरखनाथ मंदिर हमले में घायल पुलिसकर्मियों से मुलाकात की। pic.twitter.com/Zw61MuN5Q7
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 4, 2022
महराजगंज जिले से दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है. गुजरात, मुंबई और कोयंबटूर के एटीएस से संपर्क किया गया है। फिलहाल मुर्तजा पुलिस रिमांड पर है और उससे पूछताछ जारी है।
वह 11 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में रहेगा। गोरखपुर शहर के सिविल लाइंस में रहने वाले इंजीनियर मुनीर अहमद के बेटे मुर्तजा अब्बासी का परिवार पहले मुंबई में रहता था, लेकिन अक्टूबर 2020 से गोरखपुर सिविल लाइंस में बस गया।
वह अक्सर यूट्यूब पर जिहाद से जुड़े वीडियो देखता था और वेबसाइट सर्च करता था। वह कई कट्टर इस्लामी नेताओं का अनुसरण करता था।
2015 में केमिकल इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद उन्होंने 2 बड़ी कंपनियों में भी काम किया है। परिवार का कहना है कि 2017 से उसकी मानसिक स्थिति का इलाज चल रहा है।
उसकी पत्नी उसे छोड़कर चली गई है। दूसरी लड़की से बातचीत चल रही थी, जो बीच में ही खत्म हो गई। उसने कुछ समय के लिए अपने दोस्तों से मिलना भी बंद कर दिया था।
उत्तर प्रदेश: राज्य के मुख्मयंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर पहुंचकर घटनास्थल का दौरा किया। pic.twitter.com/xjLQC2B4WM
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 4, 2022
पुलिस को शक है कि उसे बचाने के लिए उसकी बिगड़ती मानसिक स्थिति की बात की जा रही है। उसके गैजेट्स से आतंकी संगठन ISIS और सीरिया से जुड़े कुछ साहित्य मिले हैं।
अधिकारियों ने कहा है कि यह एक गंभीर साजिश का हिस्सा हो सकता है। वह अंदर जाकर भक्तों को नुकसान पहुंचा सकता था। एटीएस की टीम अधिक जानकारी लेने के लिए मुंबई जाएगी।
इस हमले में घायल हुए पीएसी कांस्टेबल गोपाल गौर और अनिल पासवान के साथ ही पुलिस कांस्टेबल अनुराग राजपूत को पांच लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा।
अहमद मुर्तजा अब्बासी की पेन ड्राइव से भड़काऊ वीडियो भी मिले हैं। उसके मोबाइल में ज्यादातर नंबर मुंबई के हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
किसके कहने पर उसने यह सब किया, जल्द ही इसका खुलासा हो जाएगा। उनकी दोस्ती ज्यादा लोगों से नहीं थी और वो कुछ खास लोगों से ही बात करता था।
वह पहले से ही एटीएस के रडार पर था। पिछले शनिवार को कुछ लोग उनसे मिलने उनके घर भी आए थे, जिनकी बाइक पर लखनऊ की नंबर प्लेट लगी हुई थी। वह मुलाकात की आड़ में एक घंटे से घर से लापता था।
वह वहां से नेपाल गया, फिर महाराजगंज आया और धारदार हथियार खरीदा। वह मुंबई, जामनगर, कोयंबटूर, नेपाल और लुंबनी गए। तब से मिला साहित्य उर्दू में है। दिल्ली से मुंबई का हवाई टिकट भी मिल गया है।
अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने रिमांड मंजूर करते हुए पुलिस से कहा कि उसे प्रताड़ित न करें। मानवाधिकार आयोगों के दिशा-निर्देशों का पालन करने और अपने अधिवक्ता को कुछ दूरी पर मौजूद रखने के निर्देश दिए गए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न केवल घटनास्थल का निरीक्षण किया बल्कि अस्पताल में घायल जवानों से मुलाकात भी की।
एटीएस ने इस हमले का पूरा नक्शा तैयार किया है। सीएम योगी ने मंदिर की सुरक्षा को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक भी की है।
उन्होंने कहा कि यह देश और दुनिया के करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है, ऐसे में यहां सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि घटना की जांच होनी चाहिए और किसी भी भक्त को कोई खतरा नहीं होना चाहिए।
उन्होंने सुरक्षाकर्मियों की सराहना करते हुए कहा कि सतर्कता से ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है। उन्होंने मेडिकल कॉलेज के ट्रॉमा सेंटर में जाकर घायल जवानों से मुलाकात की।
महराजगंज से उठाए गए दो लोगों ने अहमद मुर्तजा अब्बासी को बाइक से गोरखनाथ मंदिर तक छोड़ दिया था।आधा दर्जन लोग गोरखपुर पुलिस की हिरासत में भी हैं, इन सभी से पूछताछ की जा रही है।
बाकी इसे नेपाल बॉर्डर पर खरीदने की बात हो रही है। उनके पिता का दावा है कि 2 अप्रैल 2022 को एटीएस की टीम उनके यहां पहुंची थी।
उनके ससुर, दो चाचाओं और ड्राइवर से पार्क रोड स्थित उनके आवास से पूछताछ की गई। फिर उसे घर भेज दिया गया। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ती है, यह पता चलता है कि वह सनकी नहीं बल्कि चालाक है।
उन्होंने 10 मार्च को ही एक नया महंगा लैपटॉप भी खरीदा था। उनके पिता का कहना है कि जब पुराना लैपटॉप खराब हुआ तो उन्होंने नए लैपटॉप के लिए उन्हें एक लाख रुपये की राशि दी थी।
अप्रैल 2018 में गाजीपुर की एक लड़की से शादी टूटने के बाद वह दूसरी शादी की भी तैयारी कर रहा था। इस बारे में बात जौनपुर के एक परिवार के साथ चल रही थी।
उनके पिता, मुनीर अहमद अब्बासी ने 1985 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एलएलबी किया और गोरखोर सिविल कोर्ट में अभ्यास किया।
जब उनका मन नहीं लगा तो वे सेंट्रल बैंक ऑफ गोरखपुर में ही सलाहकार बन गए। फिर बड़ौदा स्थित एक बैंक में काम किया। फिर वह नवी मुंबई में एक फ्लैट के साथ रहने लगा।
अहमद मुर्तजा अब्बासी से प्राप्त साहित्य के अनुवाद के लिए उर्दू विशेषज्ञों को बुलाया गया है। वह एप्पल कंपनी के मैकबुक का इस्तेमाल करके जिहाद सीख रहा था।
उसके पिता का कहना है कि 36 लाख रुपये बकाया के नोटिस के साथ पुलिस उसके घर आई थी, फिर वह कैसे परेशान हो गया और मंदिर के पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया-पता नहीं।